देश की खबरें | कोयला घोटाला : अदालत ने महाराष्ट्र स्थित कंपनी के दो निदेशकों को जेल की सजा सुनाई

नयी दिल्ली, 30 मई दिल्ली की एक अदालत ने महाराष्ट्र स्थित एक कंपनी के दो निदेशकों को राज्य में कोयला खदान के आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने के लिए बृहस्पतिवार को तीन साल और दो साल की जेल की सजा सुनाई।

विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने दोषी कंपनी बीएस इस्पात लिमिटेड पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, साथ ही मोहन अग्रवाल (73) को तीन साल की जेल, जबकि मोहन के भतीजे राकेश अग्रवाल (49) को दो साल की कैद की सजा सुनाई।

न्यायाधीश ने दोनों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने दोनों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने मामले को किसी भी संदेह से परे साबित कर दिया है।

न्यायाधीश ने उन्हें परिवीक्षा पर रिहा करने से इनकार करते हुए कहा, “वर्तमान मामले में की गई धोखाधड़ी कोई साधारण धोखाधड़ी नहीं थी”।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘दोषियों का प्रयास किसी भी कीमत पर कोयला खदान का आवंटन सुनिश्चित करना था। वे कोयला खदान का आवंटन प्राप्त करने में सफल रहे। उन्हें ऊर्जा के प्रमुख स्रोत यानी कोयला तक पहुंच मिली, जो एक प्राकृतिक संसाधन था। कोयले के महत्व को शब्दों में बयां करने की जरूरत नहीं है। इसलिए, दोषियों के वकील की जोरदार दलीलों के बावजूद, मैं यह मानने के लिए राजी नहीं हूं कि यह परिवीक्षा का लाभ देने के लिए उपयुक्त मामला है। ’’

हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि दोनों दोषी वर्ष 2011 में कंपनी से बाहर हो गए थे और आवंटन का लाभ व्यावहारिक रूप से कंपनी और उत्तराधिकारी निदेशकों को मिला था, न कि इन दोनों को।

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