नयी दिल्ली, चार अक्टूबर कोल इंडिया का बिजली क्षेत्र को अप्रैल से अगस्त की अवधि में ई-नीलामी के जरिये कोयले का आवंटन 8.4 प्रतिशत बढ़कर 79.4 लाख टन पर पहुंच गया।
कोयला मंत्रालय द्वारा कैबिनेट को दिए गए मासिक ब्योरे में यह जानकारी दी गई है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बिजली क्षेत्र को ई-नीलामी के जरिये 73.2 लाख टन कोयले का आवंटन किया था।
यह भी पढ़े | Gandhi Jayanti 2020: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा- महात्मा गांधी की विचारधारा से प्रभावित मोदी सरकार.
कोल इंडिया ने कहा कि अगस्त में इस योजना के तहत कोई कोयले का आवंटन नहीं किया गया। अगस्त, 2019-20 में बिजली क्षेत्र को कंपनी द्वारा 6.2 लाख टन कोयले का आवंटन किया गया था।
ई-नीलामी के जरिये कोयले के आवंटन का मकसद ऐसे उपभोक्ताओं को कोयला उपलब्ध कराना है, जो दीर्घावधि मसलन एक साल के लिए कोयले की सुनिश्चित आपूर्ति चाहते हैं।
यह भी पढ़े | 7th Pay Commission: मोदी सरकार ने पेंशनभोगियों को दी बड़ी राहत, अब इस काम के लिए नहीं पड़ेगा भटकना.
इस योजना का उद्देश्य सभी कोयला ग्राहकों को समान अवसर उपलब्ध कराना है। ये ग्राहक एकल खिड़की सेवा के जरिये खुद के उपभोग के लिए कोयला खरीद सकते हैं। इसमें ऑनलाइन बोली प्रक्रिया के जरिये कीमत भी ग्राहक तय करते हैं।
कोल इंडिया देश के बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति करने वाली प्रमुख कंपनी है। कंपनी की घरेलू कोयला उत्पादन में हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है। चालू वित्त वर्ष में कंपनी ने 71 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का 2023-24 तक एक अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)