नयी दिल्ली, दो नवंबर कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि महंगे आयात से बचने के लिए घरेलू स्रोतों से कोयला उत्पादन महत्वपूर्ण है और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) को भविष्य में उत्पादन को उच्चस्तर तक बढ़ाना होगा।
सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई अपने 50वें वर्ष में प्रवेश कर गई है।
घरेलू कोयला उत्पादन में सीआईएल का योगदान 80 प्रतिशत से अधिक है। कोयला मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, रेड्डी ने कहा कि देश में कोयले का उत्पादन अभी अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंचा है।
उन्होंने सीआईएल से उत्पादन को और भी अधिक बढ़ाने का आग्रह किया।
रेड्डी ने कहा कि महंगे आयात से बचने के लिए घरेलू स्रोतों से उत्पादन महत्वपूर्ण है। कोल इंडिया को भविष्य में उत्पादन को और अधिक बढ़ाना होगा।
सीआईएल एक नवंबर, 1975 को राष्ट्रीयकृत कोकिंग कोयला और गैर-कोकिंग कोयला खदानों की शीर्ष होल्डिंग कंपनी के रूप में अस्तित्व में आई थी।
बयान के अनुसार, 1975-76 के दौरान 8.9 करोड़ टन उत्पादन करने वाली महारत्न कोयला कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 8.7 गुना वृद्धि के साथ 77.36 करोड़ टन उत्पादन किया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)