नयी दिल्ली, 28 सितंबर सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सआईएल) ने सोमवार को कहा कि उसने कोयले से मेथेनॉल बनाने के संयंत्र लगाने को लेकर वैश्विक बोलियां आमंत्रित की है।
प्रस्तावित संयंत्र के लिये पश्चिम बंगाल में दानकुनी कोल काम्प्लेक्स (डीसीसी) को परियोजना स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है। फिलहाल डीसीसी का जिम्मा कोल इंडिया की अनुषंगी साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि. के पास है।
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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘कोल इंडिया लि. ने पिछले शुक्रवार को खुली वैश्विक निविदा जारी की। इसके जरिये कोयले से मेथेनॉल बनाने (सीटूएम) का संयंत्र सतही कोयला गैसीकरण के जरिये लगाने को लेकर बोलियां आमंत्रित की गयी हैं। यह कारखाना बनाओ-अपनाओ-चलाओ (बीओओ) मॉडल पर आधारित होगा।’’
कोल इंडिया ने बीओओ परिचालक के चयन को लेकर व्यवहार्यता पूर्व अध्ययन के आधार पर यह निविदा जारी की है।
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कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह सरकार के मेथेनॉल आधारित अर्थव्यवस्था कार्यकम के क्रियान्वयन का हिस्सा है। इसका मकसद देश के आयात बिल में कमी लाना है।’’
संयंत्र के लिये पूंजी व्यय करीब 6,000 करोड़ रुपये आकलित किया गया है।
बीओओ परिचालक संयंत्र का डिजाइन, निर्माण, रखरखाव, उत्पादन और भंडारण के अलावा उसे पट्टे पर भी दे सकेंगे।
कोल इंडिया प्रस्तावित संयंत्र के लिये परिचालक को जमीन, बिजली और पानी उपलब्ध कराएगी।
योजना के अनुसार संयंत्र से सालाना 6.76 लाख टन मेथेनॉल उत्पादन का लक्ष्य है। इसका उपयोग पेट्रोल में 15 प्रतिशत तक मिश्रण में किया जाएगा।
संयंत्र इस क्षमता के आधार पर चार पूर्वी राज्यों पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, झारखंड और बिहार की जरूरतों को पूरा करेगा।
बोली जमा करने की अंतिम तिथि 17 दिसंबर है।
सफल बोलीदाता को संयंत्र को चालू करने के लिये 41 महीने का समय दिया जाएगा।
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