तिरूवनंतपुरम, 16 मार्च : केरल में यहां स्थित एक सरकारी लॉ कॉलेज में छात्रों की झड़प को लेकर राज्य विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और विपक्ष के नेता वी डी सतीशन के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई, जिसके बाद विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ ने सदन से बर्हिगमन किया. मंगलवार रात हुई झड़प के दृश्यों को टीवी चैनलों ने प्रसारित किया, जिनमें कांग्रेस की छात्र शाखा, केरल स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) की एक महिला नेता सत्तारूढ़ माकपा के छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं द्वारा बर्बरता से पीटे जाते दिख रही हैं. कॉलेज यूनियन की शुरूआत होने के सिलसिले में प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच बहस ने झड़प का रूप ले लिया. सदन में यह मुद्दा उठाते हुए सतीशन ने वाम मोर्चा सरकार की कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि राज्य में इन दिनों एसएफआई के कार्यकर्ताओं और गुंडों में भेद कर पाना कठिन है.
उन्होंने कहा कि 20 वर्षीय केएसयू नेता की एसएफआई कार्यकर्ताओं ने बर्बरता से पिटाई की, जबकि सोचा तक नहीं कि वह एक महिला हैं. सतीशन द्वारा की गई आलोचना से नाराज नजर आ रहे विजयन ने आरोप लगाया कि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर एसएफआई को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है और विपक्षी नेता से इस बारे में अपने पद का दुरूपयोग करने से बचने को कहा. उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस-यूडीएफ राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसर में एसएफआई के मजबूत होने से परेशान है. मुख्यमंत्री ने सतीशन से केएसयू या युवा कांग्रेस नेता जैसा व्यवहार नहीं करने का आग्रह किया. यह भी पढ़ें : West Bengal: जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत, तीन बीमार पड़े
वहीं, विपक्षी नेता ने पलटवार करते हुए कहा कि विजयन को पार्टी सचिव जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए, जो अपने विरोधियों का सफाया करने का निर्देश देते हैं. बाद में, यूडीएफ सदस्यों ने सदन से बर्हिगमन करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बगैर गंभीरता के मुद्दे से निपट रहे हैं और उनका जवाब हमलावरों को लाइसेंस देने जैसा है. यहां सरकारी लॉ कॉलेज में मंगलवार को हुई झड़प में केएसयू के तीन कार्यकर्ता और एसएफआई के एक कार्यकर्ता सहित कम से कम चार छात्र घायल हो गये