विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बुधवार को घोषणा की कि एसोसिएट प्रेस (एपी), यूनाइटेड प्रेस इंटरनेशनल, सीबीएस और नेशनल पब्लिक रेडियो के पास अपने कर्मचारियों, वित्तीय परिचालन, परिसंपत्ति अन्य मामलों की जानकारी देने के लिए सात दिन का समय है।
झाओ ने दैनिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘यह रेखांकित करना जरूरी है कि चीन द्वारा उठाया गया उपरोक्त कदम पूरी तरह से वैध रक्षात्मक कार्रवाई है। अमेरिका ने चीनी मीडिया एजेंसियों पर अपने देश में बिना कारण दमनात्मक कार्रवाई कर उसे इसके लिए मजबूर किया है।’’
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उल्लेखनीय है कि ट्रम्प प्रशासन ने पिछले महीने चीन की चार मीडिया कंपनियों को उस सूची में शामिल किया था जिन्हें ‘विदेशी मिशन’ समझा जाता है क्योंकि इनका संबंध चीन की सरकार और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से है।
इस कदम से अमेरिका में चीनी कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या में कटौती करनी पड़ सकती है। साथ ही दोनों देशों में आर्थिक और राजनीतिक मोर्चे पर पहले से चल रही तनातनी और बढ़ेगी।
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झाओ ने कहा, ‘‘अमेरिका की हालिया नीति से चीनी मीडिया की प्रतिष्ठा एवं छवि को चोट पहुंची है, उनके परिचालन पर प्रभाव पड़ा है तथा अमेरिका एवं चीन के लोगों के बीच सामान्य संपर्क में गंभीर हस्तक्षेप किया गया है। ट्रम्प प्रशासन के (इस) कदम के मूल शीत युद्ध की सोच में है और यह प्रेस की आजादी के खिलाफ है जिसकर वाशिंगटन लंबे समय से समर्थन करता आ रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ चीन, अमेरिका से आह्वान करता है कि वह अपने रुख को बदले और गलती सुधारे, राजनीतिक दमनात्मक कार्रवाई और बिना वजह चीनी मीडिया पर पाबंदी बंद करे।’’
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि सरकारी चैनल सीसीटीवी सहित चीन के चार मीडिया संगठनों को अमेरिका में उनके द्वारा काम करने वाले व्यक्तियों, परिसंपत्तियों की जानकारी देनी होगी जैसा कि विदेशी दूतावासों या महावाणिज्य दूतावासों को देना पड़ता है।
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