देश की खबरें | केन्द्र से करेंगे जाति आधारित जनगणना की मांग, राज्यस्तरीय कवायद के लिए खुला है विकल्प : नीतीश

पटना, दो अगस्त बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि वह जाति आधारित जनगणना की मांग को केंद्र के समक्ष उठाएंगे और इस मुद्दे पर असहमति की स्थिति में उनकी सरकार राज्यस्तरीय कवायद का विकल्प खुला रखेगी।

जनता दरबार कार्यक्रम के बाद कुमार ने जाति आधारित जनगणना को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में पत्रकारों से कहा कि इस संबंध में बिहार विधानमंडल में वर्ष 2019 और 2020 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे लेकर हमेशा अपनी बात रखते रहे हैं लेकिन इस बार विपक्ष की तरफ से एक सुझाव आया कि सब लोगों को मिलकर प्रधानमंत्री से अपनी बात कहनी चाहिए। विपक्षी दलों के नेता हमसे मिले और हमने इस पर अपनी सहमति दी। इसको लेकर पत्र भेजने और मिलने के लिए आज ही हम बात कर लेंगे। इस संबंध में कई दलों के लोगों से बातचीत हो चुकी है और मेरे हिसाब से भाजपा को भी इस बात के लिए सूचित किया जा चुका है। क्या करना है ये तो केन्द्र सरकार के ऊपर निर्भर है।’’

जातीय जनगणना को लेकर भाजपा से तनाव के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है और जातीय जनगणना होगी तो समाज में सभी तबके के लोगों को संतोष होगा।

नीतीश ने कहा, ‘‘जनता दल (यूनाइटेड) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जातीय जनगणना की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है। हमारी पार्टी के सभी सांसदों ने प्रधानमंत्री से मिलने के लिए पत्र भी दिया है।’’

यह पूछे जाने पर कि यदि केंद्र सरकार जातीय जनगणना की मांग को खारिज कर देती है तो उनका क्या रुख होगा, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास राज्यस्तरीय कवायद का विकल्प खुला है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)