केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- राज्यों को इस महीने कर के हिस्से के रूप में 95,082 करोड़ रुपये जारी करेगा केंद्र
सीतारमण ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने वित्त सचिव से कहा है कि राज्यों के हिस्से की सामान्य 47,541 करोड़ रुपये की राशि दिए जाने के बजाय 22 नवंबर को उन्हें एक महीने की अग्रिम किस्त भी दे दी जाए. इस तरह राज्यों को उस दिन 95,082 करोड़ रुपये जारी कर दिए जाएंगे.’’
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) राज्यों का पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) बढ़ाने के लिए इस महीने उन्हें 95,082 करोड़ रुपये कर के हिस्से के रूप में जारी करेगी जिसमें एक अग्रिम किस्त भी शामिल होगी. सीतारमण ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वित्त मंत्रियों के साथ एक बैठक में कहा कि राज्यों को केंद्र से दी जाने वाली इस राशि में एक अग्रिम किस्त भी शामिल की गई है. उन्होंने कहा कि राज्यों ने अनुरोध किया था कि संकलित कर राजस्व में हिस्सेदारी के अग्रिम भुगतान से उन्हें पूंजीगत व्यय में सहायता मिलेगी. Nirmala Sitharaman on Economy: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- पटरी पर लौट रही है अर्थव्यवस्था, तीसरी तिमाही में होगी सकारात्मक ग्रोथ
सीतारमण ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने वित्त सचिव से कहा है कि राज्यों के हिस्से की सामान्य 47,541 करोड़ रुपये की राशि दिए जाने के बजाय 22 नवंबर को उन्हें एक महीने की अग्रिम किस्त भी दे दी जाए. इस तरह राज्यों को उस दिन 95,082 करोड़ रुपये जारी कर दिए जाएंगे.’’
उन्होंने कहा कि एक महीने की अग्रिम किस्त मिलने से राज्यों के पास पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त राशि होगी जिसका इस्तेमाल वे ढांचागत आधार खड़ा करने में कर सकते हैं. वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि फिलहाल कुल संग्रहीत कर में 41 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को 14 किस्तों में दिया जाता है और राज्यों को अपनी नकद आवक के बारे में एक अनुमान भी होता है.
उन्होंने कहा कि यह एक अग्रिम भुगतान होगा और किसी भी तरह का राशि समायोजन मार्च में किया जाएगा. सीतारमण के साथ हुई इस बैठक में 15 मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और तीन राज्यों के उप-मुख्यमंत्री शामिल हुए. अन्य राज्यों का प्रतिनिधित्व उनके वित्त मंत्रियों ने किया.
सीतारमण ने कहा, ‘‘इस बैठक का संदर्भ कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद आर्थिक वृद्धि में आई मजबूती है. हालांकि, यह वक्त वृद्धि को बनाए रखने और इसे दोहरे अंकों में ले जाने के तरीकों पर ध्यान देने का भी है.’’ उन्होंने कहा कि इस बैठक में निवेश और विनिर्माण तथा कारोबारी गतिविधियों से संबंधित मुद्दों पर राज्यों की राय जानने की कोशिश भी की गई.
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