नयी दिल्ली, 8 जून : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने केंद्र से निजी अस्पतालों के साथ मिलकर कोविड-19 टीकाकरण अभियान में आरडब्ल्यूए को भी शामिल करने पर गंभीरता से विचार करने को कहा है ताकि लोगों को उनके निकट के सेंटर पर टीके लग जाएं. उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर सरकार को इस सुझाव में दम लगता है तो बिना किसी देरी के इस बारे में रुख स्पष्ट किया जा सकता है और अगर प्राधिकारी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) को अनुमति देने के इच्छुक नहीं हैं तो स्थिति रिपोर्ट में कारण बताएं.
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘हमारी राय में इस पहलू पर गंभीरता से विचार होना चाहिए.’’ अदालत ने चार जून के अपने आदेश में केंद्र से इस संबंध में सात जुलाई तक एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा. छुट्टियों के बाद अदालत के खुलने पर उसी दिन इस मामले पर अगली सुनवाई होगी. यह भी पढ़ें :Chhattisgarh: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की बड़ी घोषणा- गरीब परिवारों को जुलाई से नवम्बर तक मिलेंगे निःशुल्क चावल
‘न्याय मित्र’ और वरिष्ठ अधिवक्ता राज शेखर राव ने आरडब्ल्यूए को अपने इलाके के लोगों के टीकाकरण की अनुमति देने के लिए यह मुद्दा उठाया था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश के मुताबिक निजी अस्पताल को उन्हीं के द्वारा संचालित कोविड-19 टीकाकरण केंद्र पर टीके देने की अनुमति दी गयी है.