रामागुंडम (तेलंगाना), 12 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने पिछले आठ वर्षों के दौरान लगभग 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं, ताकि देश के किसानों पर उर्वरकों की ऊंची वैश्विक कीमतों का बोझ न पड़े. मोदी ने रामागुंडम में 9,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करने के बाद कहा कि केंद्र सरकार किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए इस साल 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि भेजी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में वर्षों से बंद पड़े पांच बड़े उर्वरक संयंत्रों को यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए फिर से शुरू किया जा रहा है.
मोदी ने कहा कि यूरिया भविष्य में एक ही ब्रांड ‘भारत यूरिया’ के तहत उपलब्ध कराया जाएगा, क्योंकि किसानों को पहले कई तरह के उर्वरकों के मौजूद होने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा है. प्रधानमंत्री मोदी ने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया के नाजुक दौर से गुजरने के बावजूद भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है. मोदी ने यहां पर रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) के उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया जिसे 6,338 करोड़ रुपये की लागत से चालू किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने 990 करोड़ रुपये की बजट लागत से निर्मित भद्राचलम रोड से सत्तुपल्ली तक 54.1 किलोमीटर रेलवे लाइन का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 1990 के बाद यानी पिछले तीन दशकों में देश ने जो विकास देखा है, वो पिछले आठ वर्षों के दौरान हुए बदलावों के कारण कुछ ही वर्षों में होगा. यह भी पढ़ें : Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के एलजी बोले- पहले की सरकारें शांति खरीदती थीं, हम घाटी में शांति स्थापित कर रहे
उन्होंने कहा, "पिछले दो-तीन साल से दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है. दूसरी ओर संघर्ष हो रहे हैं, सैन्य कार्रवाइयां हो रही हैं और उसका असर देश और दुनिया पर भी पड़ रहा है." मोदी ने कहा, "इन विकट परिस्थितियों में भी दुनिया भर में एक और बात सुनने को मिल रही है. दुनिया भर के जानकारों का कहना है कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और उस दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है." उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में शासन, विचार प्रक्रिया और दृष्टिकोण में भी बदलाव आया है. मोदी ने कहा कि चाहे बुनियादी ढांचा हो, सरकारी प्रक्रियाएं हों या व्यापार करने में आसानी हो.....ये सभी बदलाव भारत के 'आकांक्षी समाज' को प्रेरित कर रहे हैं.