नयी दिल्ली/ तिरुवनंतपुरम, नौ दिसंबर केंद्र सरकार ने विझिंजम बंदरगाह के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि (वीजीएफ) के अपने हिस्से को बिना शर्त जारी करने की केरल सरकार की मांग को सिरे से नकार दिया है।
इसके साथ ही सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इसकी तुलना तूतीकोरिन बंदरगाह पर स्थित आउटर हार्बर कंटेनर परियोजना से नहीं की जा सकती है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से तिरुवनंतपुरम से सटे विझिंजम बंदरगाह के लिए 817.80 करोड़ रुपये के वीजीएफ हिस्से को बिना शर्त जारी करने का अनुरोध किया था। केंद्र ने इस राशि को बाद में लौटाने की शर्त रखी थी।
सीतारमण ने केरल के मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा है कि विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह एक राज्य क्षेत्र की परियोजना है लेकिन केंद्र ने वाणिज्यिक व्यवहार्यता के लिए 817.80 करोड़ रुपये का वीजीएफ देने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी लगभग समान राशि का वीजीएफ प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा है कि यह परियोजना तूतीकोरिन बंदरगाह पर स्थित आउटर हार्बर कंटेनर परियोजना के साथ तुलनीय नहीं है। तूतीकोरिन परियोजना पर होने वाला खर्च और उससे मिलने वाला राजस्व वीओसी पोर्ट अथॉरिटी का है जो भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में एक स्वायत्त निकाय है।
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