नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर केंद्र ने राज्य सरकारों से ऑनलाइन भूमि पंजीकरण सेवाओं के लिए स्थानीय सर्वर स्थापित करने को कहा है। इसके अलावा उप-पंजीयक कार्यालयों में इंटरनेट की गति बढ़ाने के लिए कहा गया है, ताकि ग्रामीण इलाकों में बिना किसी बाधा के भूमि पंजीकरण सेवाएं दी जा सकें।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।
केंद्र सरकार पुराने भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण कर रही है और साथ ही केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित ‘डिजिटल भारत भूमि रिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम’ (डीआईएलआरएमपी) के तहत ऑनलाइन पंजीकरण के लिए एक प्रणाली भी स्थापित की गई है।
इस समय देश में 94 करोड़ भूखंडों के 70 प्रतिशत से अधिक रिकॉर्ड को डिजिटल किया जा चुका है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुछ उप-पंजीयक कार्यालयों और तहसीलों को भी अब भूमि रिकॉर्ड के साथ जोड़ दिया गया है।
भूमि रिकॉर्ड विभाग के संयुक्त सचिव सोनमनी बोरा ने कहा, ‘‘हमें कुछ हिस्सों में धीमे सर्वर की समस्या की जानकारी है। केंद्र इसके लिए धन से राज्यों की मदद कर रहा है। हमने राज्यों को एक स्थानीय सर्वर बनाने और इंटरनेट की गति बढ़ाने का सुझाव दिया है।’’ यह विभाग केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत आता है।
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