जयपुर, 18 दिसंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार को सारे काम छोड़कर किसानों के मुद्दे का समाधान करना चाहिए।
गहलोत ने यहां कहा कि किसानों के आंदोलन से पूरा देश ऐसी स्थिति में आ गया है कि भारत सरकार को चाहिए कि तमाम सब काम छोड़कर इसे सुलझाए।
गहलोत ने कहा, ‘‘... यह जो आपका अन्नदाता है, उसके मान सम्मान का सवाल हो गया है। आप हम लोग जनप्रतिनिधि तो उनका आशीर्वाद लेकर जीतते हैं। प्रतिष्ठा उनकी ज्यादा है। अगर हम कोई फैसला वापस लेते हैं तो उसमें हमारा बड़प्पन दिखता है। यह लोकतंत्र है कोई राजशाही नहीं। इसमें क्या दिक्कत है।’’
अपनी सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर यहां एक कार्यक्रम में गहलोत ने कहा कि किसानों के आंदोलन की बहुत चिंता हमें हैं। हमने यहां केंद्रीय कानूनों के खिलाफ तीन कानून पारित किए, वे राज्यपाल के पास अटके हैं। उनकी क्या मजबूरी है कि वे राष्ट्रपति के पास भेज नहीं रहे।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘इन भाजपा वालों के इस रवैये के कारण ही किसानों में अविश्वास की भावना है और वे आंदोलन कर रहे हैं।’’
गहलोत ने कहा कि अगर सरकार इन कानूनों पर संसद में चर्चा करवाती या उन्हें प्रवर समिति के पास भेज देती तो किसानों में विश्वास बना रहता कि जनप्रतिनिधियों की बात सुनी जा रही है।
गहलोत ने भाजपा व केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो आरएसएस की सोच है, भाजपा की सोच है जिसे आज पूरा देश भुगत रहा है, लोकतंत्र पता नहीं किस दिशा में जा रहा है।’’
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘न्यायपालिका,सीबीआई, इनकम टैक्स दबाव में है। प्रधानमंत्री कार्यालय से लिस्ट आती है कि किसके यहां छापे डालने हैं। मानिटरिंग वहां से हो रही है। गृहमंत्री तो आप देख ही रहो हो ...सरदार पटेल बन रहे हैं। हालात बड़े गंभीर हैं देश में।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘लेकिन हमारी संस्कृति अलग है, हमारा दिल बड़ा दिल है, हम कभी दुश्मनी नहीं पालते। पिछली सरकार ने हमारे लोगों को कितना तंग किया लेकिन सरकार में आने के बाद हमने दुश्मनी नहीं निकाली हमने जनता के लिए अच्छे काम करने का फैसला किया।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन व कोरोना ने देश व राज्यों की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह आगे आकर राज्यों की मदद करे क्योंकि असली लड़ाई राज्य सरकारें लड़ती हैं। राजस्व की कमी एक चुनौती है और राज्य सरकार को अपने बजटीय लक्ष्यों को भी बदलना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि बार-बार आचार संहिता लगने व कोरोना संकट के बावजूद उनकी सरकार ने दो साल के कम अर्से में ही अपने 50 प्रतिशत चुनावी वादों को पूरा कर दिया है।
राजस्थान सरकार की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में 10,805 करोड़ रुपये के 1374 कार्यों, योजनाओं और परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास और शुरुआत की गयी। इसके साथ ही गहलोत ने अध्यापकों के 31000 पदों के लिए राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) अगले साल 25 अप्रैल को करवाने की घोषणा की।
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