जयपुर, 24 अगस्त राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को केंद्र सरकार से 'राइट टू हेल्थ' को संविधान प्रदत मौलिक अधिकारों की सूची में शामिल करने की मांग की।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार ने 'राइट टू हेल्थ' की परिकल्पना को साकार करने के लिए पहले से ही चिकित्सा क्षेत्र में बड़े बदलाव किए हैं।
गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘भारत सरकार को अब 'राइट टू हेल्थ' को संविधान प्रदत मौलिक अधिकारों की सूची में शामिल करना चाहिए और सभी नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करनी चाहिए।’’
गहलोत के अनुसार राजस्थान सरकार 'राइट टू हेल्थ' की परिकल्पना को साकार करने के लक्ष्य से पहले से ही चिकित्सा क्षेत्र में बड़े बदलाव कर रही है। उन्होंने इस दिशा में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना एवं मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत राज्य में ओपीडी व आईपीडी का सम्पूर्ण इलाज मुफ्त करने का उदाहरण दिया।
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने ‘राइट टू हेल्थ’ की मांग करने के लिए गहलोत को धन्यवाद देते हुए कहा कि स्वास्थ्य के अधिकार को मौलिक अधिकारों की सूची में शामिल करने की मांग से हमारे अभियान को समर्थन और संबल मिलेगा।
सत्यार्थी ने ट्वीट किया, ‘‘राइट टू हेल्थ को मौलिक अधिकार बनाने के लिए उनके समर्थन से हमारे अभियान को और सम्बल मिलेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी राजनीतिक दलों व सांसदों से फिर से अपील करता हूँ- नागरिकों का स्वास्थ्य व्यापार का सामान या सुविधा न होकर उनका हक़ बने।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)