मुंबई, 28 मई शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने एमटीएनएल और बीएसएनएल को 4जी/5जी सेवाएं शुरू करने की अनुमति नहीं दी, जिससे ग्राहकों का भारी नुकसान हुआ।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों और सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को दोनों सार्वजनिक उपक्रमों की अधिशेष भूमि और भवन परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण को लेकर लिखा गया संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के सचिव नीरज मित्तल का 21 मई, 2024 का एक पत्र साझा किया।
पत्र में कहा गया है, “केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2019 में बीएसएनएल/एमटीएनएल की पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दी जिसमें इसकी अधिशेष भूमि/भवन परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण भी शामिल है। बीएसएनएल की संपत्ति पूरे देश में मौजूद है और एमटीएनएल की संपत्ति मुंबई व दिल्ली में स्थित है। अधिकांश संपत्तियां प्रमुख स्थानों पर हैं। संपत्तियों की सरकारी विभागों, पीएसयू और सरकारी संगठनों को प्रत्यक्ष बिक्री के माध्यम से पेशकश की जाती है।”
मुंबई दक्षिण से सांसद सावंत ने ऐसे समय में यह पत्र लिखे जाने पर सवाल उठाया जब देश में जारी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू है।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने दावा किया, “उनसे (सचिव) से यह सवाल क्यों नहीं किया जाना चाहिए कि वह 2019 से क्या कर रहे थे। यह बीएसएनएल और एमटीएनएल का गला घोंटने और गड़बड़झाले के अलावा और कुछ नहीं है।”
उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भरता के बहाने, उन्होंने बीएसएनएल/एमटीएनएल को 4जी/5जी सेवाएं शुरू करने की अनुमति नहीं दी, जिससे ग्राहकों का नुकसान हुआ और भारी घाटा उठाना पड़ा।”
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