नयी दिल्ली, 16 अगस्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र से आग्रह किया कि वह दिल्ली सरकार की विशेषज्ञता का इस्तेमाल पूरे भारत में स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए करे, ताकि भारत को दुनिया में नंबर एक देश बनाया जा सके।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार से नि:शुल्क शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं को ‘‘मुफ्त की सौगात’’ न कहने का भी आग्रह किया।
भाजपा केजरीवाल पर सत्ता में आने के लिए लोगों को नि:शुल्क सेवाओं का ‘‘झांसा’’ देने का आरोप लगाती रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के बाद लोगों को ‘‘रेवड़ी कल्चर’’ को लेकर सर्तक रहने की हिदायत दी थी और कहा था कि यह देश के विकास के लिए ‘‘बेहद घातक है।’’
केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र के साथ काम करने को तैयार हैं। मैं केंद्र से अनुरोध करता हूं कि इसे मुफ्त की सौगात कहना बंद किया जाए।’’
दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक ने कहा कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल खोलने, उनमें सुधार करने, अतिथि शिक्षकों को नियमित करने, शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है और तब भारत एक ‘‘समृद्ध देश’’ बन सकता है।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह सब पांच वर्ष में हो सकता है। हमने यह करके दिखाया है। मैं केंद्र से आग्रह करता हूं कि सरकारी स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए हमारी विशेषज्ञता का इस्तेमाल किया जाए। सभी राज्यों की सरकारें मिलकर काम कर सकती हैं।’’
उन्होंने कहा कि गरीब वर्ग के लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही भेज सकते हैं और यह आवश्यक है कि उनकी हालत में सुधार हो।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘अगर एक मामूली पृष्ठभूमि से नाता रखने वाले बच्चे को सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा मिलेगी तो वह एक चिकित्सक, इंजीनियर या उद्योगपति बन सकता है जिससे उनके परिवार की आर्थिक हालत में सुधार होगा। इससे उनके परिवार को गरीबी से बाहर निकलने में मदद मिलेगी और देश भी समृद्ध बनेगा।’’
केजरीवाल ने कहा कि 17 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं।
स्वास्थ्य और शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि अमीर देशों ने अपने नागरिकों के लिए यह किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने दिल्ली में यह करके दिखाया है। हमने दिल्ली में सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाया है। हम प्रत्येक दिल्लीवासी के स्वास्थ्य पर औसतन दो हजार रुपये खर्च कर रहे हैं और 130 करोड़ भारतीयों के लिए इसे बढ़ाने के वास्ते हमें मुश्किल से 2.5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है।’’
बिना नाम लिए केजरीवाल ने पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा देने की केंद्र की आयुष्मान भारत योजना की भी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि कई देशों में स्वास्थ्य सेवा मुफ्त दी जाती है और भारत में भी इसे मुफ्त में दिया जाना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाने के लिए सभी को बेहतरीन और मुफ्त शिक्षा तथा स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत 130 करोड़ लोगों का परिवार है और अगर परिवार में कोई बीमार पड़ता है, तो यह सुनिश्चित करना हमारी ज़िम्मेदारी है कि उनका इलाज हो। हम उन्हें अपने दम पर नहीं छोड़ सकते। हम यह नहीं कह सकते कि आपके पास पैसा होने पर ही आपको इलाज मिलेगा।’’
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