नयी दिल्ली, 13 अप्रैल केन्द्रीय अप्रत्यक्ष और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने अपने फील्ड अधिकारियों से कहा है कि वह जीएसटी और सीमा शुल्क रिफंड मांगने वाली कंपनियों से कागजी दस्तावेज मांगने पर जोर नहीं दें।
सीबीआईसी ने इस माह 18,000 करोड़ रुपये के लंबित रिफंड और ड्यूटी ड्रा बैक का भुगतान करने के लिये एक ‘विशेष अभियान’ शुरू किया है।
सीबीआईसी ने प्रधान मुख्य आयुक्तों को भेजे एक पत्र में कहा है कि करदाताओं की सुविधा के लिये फील्ड अधिकारियों द्वारा सभी तरह के संदेशों का आदान प्रदान आधिकारिक ईमेल आईडी का इस्तेमाल करते हुये किया जाना चाहिये।
इसमें कहा गया है, ‘‘इस बात पर गौर किया जाना चाहिये कि रिफंड की प्रक्रिया में किसी प्रकार के कागजी दस्तावेजों को भौतिक रूप से सौंपे जाने के बारे में नहीं कहा गया है, इस तरह के किसी भी व्यवहार से बचा जाना चाहिये।’’
सीबीआईसी ने कहा है कि लंबित रिफंड दावों का तुरंत निपटान करने का यह निर्णय मौजूदा कठिन समय को देखते हुये करदाताओं को जल्द राहत देने के उद्देश्य से लिया गया है। हालांकि, जीएसटी कानून में प्राप्ति अथवा खामि रहने संबंधी ज्ञापन भेजने के लिये 15 दिन का समय दिया गया है इसी प्रकार कानून में बिना ब्याज देनदारी के रिफंड दावों का निपटारा करने के लिये 60 दिन का समय तय किया गया है।
वित्त मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कोविड-19 माहमारी की पृष्टभूमि में अप्रत्यक्ष कर, जीएसटी और सीमा शुल्क संबंधी सभी तरह के लंबित रिफंड जारी करने का फैसला लिया था। इस निर्णय से एमएसएमई सहित करीब एक लाख उद्यमियों को फायदा पहुंचेगा। इसके तहत कुल 18,000 करोड़ रुपये का रिफंड जारी होगा।
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