मु्ंबई, 6 मार्च : बेटी शीना बोरा की हत्या करने की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने कहा है कि सीबीआई मामले में अपनी ‘‘घटिया जांच’’ को छुपाने के लिए उसके इस दावे की जांच करने को लेकर अनिच्छुक है कि ‘‘शीना जिंदा है.’’ इंद्राणी ने हाल ही में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष आठ पन्नों की एक अर्जी प्रस्तुत की थी जिसमें दावा किया गया था कि शीना बोरा जीवित है. इंद्राणी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को यह निर्देश देने का आग्रह किया था कि वह उसके इस दावे की जांच करे. पिछले हफ्ते, सीबीआई ने एक लिखित जवाब प्रस्तुत किया था, जिसमें कहा गया था कि इंद्राणी का दावा "उसकी एक कल्पना’’ है और यह लगभग ‘‘असंभव’’ है कि शीना बोरा जीवित है. सीबीआई ने कहा था कि मुखर्जी की अर्जी में कोई दम नहीं है और इसे मामले की सुनवाई में देरी करने के इरादे से दायर की गई है.
इंद्राणी मुखर्जी ने बृहस्पतिवार को अपनी वकील सना खान के जरिए सीबीआई के जवाब पर पत्युत्तर दाखिल किया. इसका ब्योरा शनिवार को उपलब्ध हुआ. इंद्राणी ने अपने प्रत्युत्तर में कहा, ‘‘सीबीआई के जवाब में गुणदोष का अभाव है, यह दुर्भावना से भरा हुआ है और सच्चाई को दबाने के स्पष्ट इरादे से भ्रामक और झूठे प्रस्तुतीकरण, धारणाओं और अनुमानों से भरा हुआ है.’’ उसने कहा कि आशा कोरके से पूछताछ करने को लेकर सीबीआई की अनिच्छा और कुछ नहीं बल्कि इस मामले में उनकी "घटिया" जांच पर पर्दा डालने का एक "दुर्भावनापूर्ण इरादे" का स्पष्ट संकेत देता है. मुखर्जी ने दावा किया है कि जबरन वसूली के एक मामले में भायखला महिला जेल में बंद पूर्व पुलिस निरीक्षक आशा कोरके ने उसे बताया था कि जून, 2021 में वह श्रीनगर में एक युवती से मिली थी जो शीना बोरा की तरह दिखती थी. यह भी पढ़ें : Delhi: दिल्ली का मोस्ट वांटेड वाहन चोर 25 साल बाद पुलिस के जाल में फंसा
मुखर्जी के प्रत्युत्तर में आगे कहा गया कि सीबीआई ने इस मामले में सबसे "गैर पेशेवर" और "चौंकाने वाले घटिया तरीके" से जांच की, जिससे अर्जीकर्ता (इंद्राणी) को दुख हुआ, जो पूरी तरह से निर्दोष है. उसने दावा किया कि सीबीआई ने अदालत को गुमराह किया है और अभी भी उसके खिलाफ पूर्वाग्रह उत्पन्न करने का प्रयास कर रही है. इंद्राणी मुखर्जी को 2015 में उसके पति पीटर मुखर्जी और उसके पूर्व पति संजीव खन्ना के साथ उनकी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था.