नयी दिल्ली, 04 सितंबर: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोने के सिक्के जैसे उपहारों की खरीद एवं वितरण में कथित अनियमितता को लेकर भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अमिताभ बनर्जी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ये सिक्के उपहार के तौर पर बांटने के लिए खरीदे गये थे. अधिकारियों ने बताया कि सीएमडी के रूप में पदोन्नत होने से पहले, 2019 में सार्वजनिक उपक्रम में प्रबंध निदेशक पद पर नियुक्त बनर्जी को वित्तीय अनियमितता और पद के दुरूपयोग के आरोपों में पिछले साल बर्खास्त कर दिया गया था. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई को यह जांच सौंपी गई.
अधिकारियों ने बताया कि रेलवे के सतर्कता विभाग को जब आईआरएफसी द्वारा सोने के सिक्कों और अन्य वस्तुओं की खरीद एवं वितरण में कथित अनियमितता किये जाने की सूचना मिली, तब जांच शुरू की गई. उन्होंने बताया कि दो फाइल की जांच की गई और सोने के सिक्के तथा अन्य उपहार की खरीद एवं वितरण में शामिल व्यक्तियों के बयान दर्ज किये गए. अब प्राथमिकी का हिस्सा बन चुकी सतर्कता विभाग की शिकायत में कहा गया है, ‘‘सारे प्रयासों के बावजूद, तत्कालीन सीएमडी अमिताभ बनर्जी के नेतृत्व में आईआरएफसी अधिकारियों ने सोने के सिक्कों और कॉरपोरेट उपहार की वस्तुओं के लाभार्थियों की सूची नहीं मुहैया की.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘इस तरह की कीमती वस्तुओं की खरीद एवं वितरण के लिए कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) या निर्धारित प्रक्रिया की जानकारी आईआरएफएसी अधिकारियों ने नहीं दी.’’
आईआरएफसी ने कहा है कि कथित घोटाला कितना बड़ा है उसका पता नहीं है क्योंकि सतर्कता ने केवल दो फाइल की जांच की है तथा इस तरह की और खरीद होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. जांच के दौरान बनर्जी ने कहा कि इस तरह की कोई सूची नहीं रखी जाती और कोई भी उपहार कंपनी के निदेशकों को नहीं दिया गया. हालांकि, उनका यह दावा आईआरएफसी के अन्य अधिकारियों के बयान से मेल नहीं खाता, जिन्होंने कहा कि कुछ वस्तुएं कंपनी के दो स्वतंत्र निदेशकों को दी गईं. सतर्कता विभाग ने आरोप लगाया है कि आईआरएफसी अधिकारी पूछताछ के दौरान, सार्वजनिक धन से खरीदी गई वस्तुओं को प्राप्त करने वालों की सूची का खुलासा करने के इच्छुक नहीं नजर आए, जिससे प्रथम दृष्टया अधिकारियों की ओर से वित्तीय गड़बड़ी करने का स्पष्ट मामला प्रतीत होता है. आईआरएफसी सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है, जिसका स्वामित्व रेलवे के पास है.
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