नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को बृहस्पतिवार को फटकार लगाई और कहा कि उसने ऐसी घटनाओं को रोकने के वास्ते उसके निर्देशों को लागू करने का कोई प्रयास नहीं किया है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि सीएक्यूएम ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं के खिलाफ एक भी मुकदमा शुरू नहीं किया है।
पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर 29 अगस्त को ही बैठक हुई थी।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि बैठक में 11 में से केवल पांच सदस्य ही मौजूद थे, जहां उसके निर्देशों के क्रियान्वयन पर चर्चा तक नहीं हुई।
उच्चतम न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि दोनों राज्यों ने पराली जलाने वाले किसानों से नाममात्र का मुआवजा ही लिया है।
न्यायालय ने केंद्र और सीएक्यूएम को इस मामले पर आज से एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।
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