सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता : गौरव वल्लभ ने कांग्रेस से इस्तीफा देने पर कहा

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने बृहस्पतिवार को पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते तथा 'वेल्थ क्रिएटर्स' (पूंजी का सृजन करने वालों) को गाली नहीं दे सकते.

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नयी दिल्ली, 4 अप्रैल : कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने बृहस्पतिवार को पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते तथा 'वेल्थ क्रिएटर्स' (पूंजी का सृजन करने वालों) को गाली नहीं दे सकते. वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखा त्यागपत्र सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया. उन्होंने कहा कि पार्टी जिस तरह से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसे देखते हुए वह खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहे थे. वल्लभ ने कहा, ‘‘मैं न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और न ही सुबह शाम वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता हूं. इसलिए पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं.’’

वल्लभ कई महीनों से पार्टी की ओर से टेलीविजन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और लंबे समय से उनकी कोई प्रेस वार्ता भी नहीं हुई थी. उन्होंने त्यागपत्र में कहा, ‘‘जब मैं कांग्रेस में शामिल हुआ था तो मेरा यह मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है जिसमें युवाओं और बौद्धिक लोगों की तथा उनके विचारों की कद्र होती है. लेकिन पिछले कुछ समय से महसूस हुआ की पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए विचार वाले युवाओं के साथ सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है.'’’ बल्लभ ने दावा किया कि कांग्रेस जमीन से पूरी तरह कट चुकी है और वह नए भारत की आकांक्षा को नहीं समझ पा रही है जिसके कारण पार्टी न तो सत्ता में आ पा रही है और न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा पा रही है. यह भी पढ़ें : पीएम मोदी के बिहार आने से पहले परिवारवाद को लेकर तेजस्वी यादव का NDA पर हमला

वल्लभ का कहना है कि पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम से दूर रहने का जो रुख अपनाया उससे वह क्षुब्ध हुए. उन्होंने इस्तीफे में कहा, ‘‘मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं. पार्टी के इस रुख ने मुझे हमेशा क्षुब्ध और परेशान किया. पार्टी व (इंडिया) गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन धर्म के खिलाफ बोलते हैं और उस पर पार्टी का चुप रहना, उसे एक तरह से मौन स्वीकृति देने जैसा है.’’ उन्होंने जाति जनगणना के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा है कि पार्टी इस संदर्भ में भी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ हम जाति जनगणना की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ संपूर्ण हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं. यही कार्य शैली जनता के बीच यह भ्रामक संदेश दे रही है कि पार्टी एक खास धर्म की हिमायती है. यह कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है.’’ वल्लभ ने त्यागपत्र में यह दावा भी किया कि वर्तमान में आर्थिक मामलों पर कांग्रेस का रुख हमेशा वेल्थ क्रिएटर्स को नीचा दिखाने वाला रहा है तथा देश में होने वाले हर विनिवेश पर पार्टी का नजरिया नकारात्मक रहा है. उनका कहना है कि आर्थिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को लेकर भी वह घुटन महसूस कर रहे थे.

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