देश की खबरें | चोम्स्की-प्रसाद का सत्र रद्द करना टाटा लिटरेचर लाइव की सत्यनिष्ठा को बचाने के लिए जरूरी था: धारकर
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 22 नवंबर जाने माने लेखक नॉम चोम्स्की एवं पत्रकार विजय प्रसाद की ‘टाटा लिटरेचर लाइव’ में ऑनलाइउन चर्चा रद्द किए जाने पर उनके खेद जताने के एक दिन बाद इस महोत्सव के संस्थापक एवं निदेशक अनिल धारकर ने रविवार को कहा कि ‘‘महोत्सव की सत्यनिष्ठा की रक्षा करने के लिए’’ यह फैसला करना ‘‘आवश्यक’’ था।

दरअसल 91 वर्षीय चोम्स्की की नयी किताब ‘‘इंटरनेशनलिज्म ऑर एक्सटिंक्शन’’ पर शुक्रवार रात नौ बजे चर्चा होनी थी, लेकिन दोपहर एक बजे चोम्स्की और प्रसाद को ईमेल भेजकर बताया गया कि अब यह कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा।

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चोम्स्की और प्रसाद ने उनकी ऑनलाइन चर्चा को ‘‘अचानक रद्द’’ किए जाने पर खेद व्यक्त किया था और जानना चाहा था कि क्या यह कदम सेंसरशिप का परिणाम है।

धारकर ने रविवार को अपने बयान में कहा कि सत्र की सुबह उन्हें चोम्स्की, प्रसाद और कार्यकर्ताओं के एक समूह के बीच सार्वजनिक क्षेत्र में हुए पत्राचार का पता चला, जिसमें स्पष्ट रूप से जिक्र किया गया था कि इस सत्र का उपयोग यह बताने के लिए भी किया जाएगा कि ‘‘वे विशेषकर टाटा समूह जैसे कॉरपोरेशन के बारे में क्या महसूस’’ करते हैं और यह ‘‘सत्र का अपेक्षित उद्देश्य कभी नहीं’’ था।

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टाटा समूह ‘टाटा लिटरेचर लाइव’ के मुख्य प्रायोजकों में शामिल हैं।

धारकर ने कहा, ‘‘मैं समारोह में भाग लेने का निमंत्रण स्वीकार करने और मुख्य प्रायोजक के बारे में नकारात्मक विचार रखने के लिए इस मंच का इस्तेमाल करने के उनके कारणों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बेहद मजबूती से यह बात रखना चाहता हूं कि मैंने जिस महोत्सव की स्थापना की और एक समर्पित टीम के साथ जिसे चलाया, उसकी सफलता विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति पर निर्भर करती है, ना कि किसी व्यक्ति के विशेष एजेंडे की स्वतंत्र अभिव्यक्ति पर। किसी विशेष संगठन, निगम या किसी व्यक्ति के खिलाफ इस प्रकार के एजेंडे की अभिव्यक्ति के लिए हमारे महोत्सव में जगह नहीं है।’’

धारकर ने कहा कि सत्र रद्द करने का फैसला सोच-समझकर लिया गया और उन्होंने महोत्सव के निदेशक के तौर पर अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए यह कदम उठाया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रोफेसर नॉम चोम्स्की के कार्य का सम्मान और उसकी सराहना करता हूं, लेकिन महोत्सव की सत्यनिष्ठा की रक्षा के लिए यह निर्णय आवश्यक था।’’

धारकर ने कहा कि यह कार्यक्रम सभी पांच महाद्वीपों से लगातार साहित्यिक प्रतिभाओं को आकर्षित करता रहा है और यही इसकी सफलता का कारण है।

उन्होंने कहा कि हर साल इस कार्यक्रम में व्यक्त किए जाने वाले विचारों और विषयों की विविधता भी इसकी सफलता का एक अन्य कारण है।

प्रसाद ने ट्वीट किया था, ‘‘नॉम और मैं टाटा लिटरेचर फेस्टिवल में नॉम की नयी पुस्तक पर चर्चा करने वाले थे। कार्यक्रम के कुछ ही घंटे पहले अचानक हमारे पैनल को रद्द कर दिया गया।’’

चोम्स्की और प्रसाद ने एक बयान जारी करके कहा था कि उन्हें कार्यक्रम को रद्द किए जाने की जानकारी ईमेल से दी गई।

बयान में कहा गया था, ‘‘हम इस बारे में बात करना चाहते थे कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार समेत सरकारें और टाटा समूह जैसे कॉरपोरेट समूह मानवता को किस प्रकार गहरे संकट में डालते जा रहे हैं।’’

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