कैग ने आईटी, दूरसंचार मंत्रालय की इकाइयों की निर्णय प्रक्रिया पर सवाल उठाए
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Photo Credits : Instagram)

नयी दिल्ली, 30 नवंबर : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और दूरसंचार मंत्रालयों के अंतर्गत आने वाली इकाइयों के खातों में कई अनियमितताओं को उजागर किया है. इसमें एनआईसीएसआई द्वारा नियमों का उल्लंघन कर 890 करोड़ रुपये मूल्य के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की खरीद का मामला भी शामिल है. वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिये अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कैग ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल, सी-डॉट, डाक विभाग, आईटीआई लि. और सीडीएसी की निर्णय प्रक्रिया में विसंगतियों का खुलासा करते हुए कहा है कि इसकी वजह से इन इकाइयों पर प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव पड़ा.

लोकसभा में सोमवार को पेश कैग की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘एनआईसीएसआई (नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर सर्विसेज इंक) ने रणनीतिक गठबंधन के जरिये 890.34 करोड़ रुपये मूल्य के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर खरीदे. यह सामान्य वित्तीय नियम, 2005 और विभागीय निर्देशों का उल्लंघन था. इस प्रकार यह खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने में विफल रही.’’

एनआईसीएसआई सरकारी विभागों को आईटी से जुड़ी ढांचागत सुविधाएं प्रदान करती है. कैग ने दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) द्वारा प्रयोगशालाओं की स्थापना में देरी, कमियों आदि को लेकर उसकी खिंचाई की है. यह भी पढ़ें : ओमिक्रॉन वेरिएंट का खतरा: 72 घंटे में मिल सकती है दक्षिण अफ्रीका से कर्नाटक लौटे कोरोना पॉजिटिव शख्स की रिपोर्ट

रिपोर्ट में सिफारिश की गयी है कि दूरसंचार विभाग (डीओटी) की एक उच्चस्तरीय तकनीकी समिति को सभी नौ प्रयोगशालाओं की स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने का खाका तैयार करना चाहिए. कैग ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल, सी-डॉट, डाक विभाग, आईटीआई लि. और सीडीएसी के फैसलों में विसंगतियों को लेकर उनकी खिंचाई की है.