देहरादून, 24 मार्च उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को हुई अपनी पहली बैठक में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का निर्णय किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में यहां हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया गया।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि 12 फरवरी को उन्होंने जनता के सामने अपनी सरकार बनने पर समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प लिया था और आज मंत्रिमंडल ने इसके लिए सर्वसम्मति से विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का फैसला लिया है।
धामी ने कहा, ‘‘हमारा राज्य हिमालय और गंगा का राज्य है। अध्यात्म और धार्मिक विरासत का केंद्र बिंदु है। हमारी समृद्ध सैन्य विरासत है और वह दो-दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से भी लगा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में जरूरी है कि उत्तराखंड में एक ऐसा कानून होना चाहिए जो सभी के लिए समान हो।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी हितधारकों, विधि विशेषज्ञों, न्यायविदों और विभिन्न क्षेत्रों के, समाज के अनुभवी लोगों को मिलाकर यह उच्च स्तरीय समिति बनायी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह समिति समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करेगी और हमारी सरकार उसे जल्द से जल्द लागू करेगी।’’
इस संबंध में उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में राज्य सरकारों के लिए इस बात का प्रावधान है कि वे अपने प्रदेशों में इस प्रकार की व्यवस्था लागू कर सकती हैं और केंद्र को प्रस्ताव भेज सकती हैं। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा भी बीच-बीच में इसे लागू न किए जाने पर लगातार नाराजगी व्यक्त की जाती रही है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)