नई दिल्ली, 24 नवंबर: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (नेशनल एप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम) को अगले पांच वर्ष के लिये बढ़ाए जाने की बुधवार को मंजूरी दे दी.सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. 'मोदी जैकेट' की मांग बढ़ी, स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के अवसर भी बढ़े
इसमें कहा गया है कि मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना के तहत शिक्षा मंत्रालय को वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक की अवधि के लिये शिक्षुता प्रशिक्षण के तहत मानदेय समर्थन के उद्देश्य से 3,054 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की. यह योजना 31 मार्च 2026 तक जारी रहेगी.इसमें कहा गया है कि योजना के तहत उद्योगों एवं वाणिज्यिक संगठनों द्वारा करीब 9 लाख प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया जायेगा.
बयान के अनुसार, इसके तहत इंजीनियरिंग, मानविकी, विज्ञान और वाणिज्य में स्नातक तथा डिप्लोमा कार्यक्रम पूरा करने वाले प्रशिक्षुकों को क्रमशः 9,000 रुपये और 8,000 रुपये प्रति माह की वृत्तिका (स्टाइफंड) दी जाएगी.इसमें कहा गया है कि सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के व्यय को मंजूरी दी है, जो पिछले पांच वर्षों के दौरान किए गए व्यय से लगभग 4.5 गुना अधिक है. अप्रेंटिसशिप में यह बढ़ा हुआ व्यय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा अप्रेंटिसशिप को दिए गए महत्व के अनुरूप है.
बयान के अनुसार, इंजीनियरिंग के छात्रों के अलावा मानविकी, विज्ञान और वाणिज्य के छात्रों को भी इस योजना में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के दायरे का और विस्तार किया गया है.इस योजना का उद्देश्य कौशल से जुड़ी व्यवस्था को मजबूत बनाते हुए कौशल स्तर के मानकों में बढ़ोतरी करना है ताकि अगले पांच वर्षों में लगभग 7 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके.
दीपक
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