
लंदन, 15 सितंबर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के विवादित आंतरिक बाजार विधेयक ने संसद में पहली बाधा पार कर ली है। इस विधेयक के जरिये ब्रेक्जिट को लेकर ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के बीच हुए समझौते की कुछ शर्तों में बदलाव किया गया है। हाउस ऑफ कॉमन्स में हुए मतदान के दौरान विधेयक के पक्ष में 340 में से 263 वोट पड़े।
विपक्षी दलों और जॉनसन की कन्जरवेटिव पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की कड़ी आचोलना का सामना करने वाला यह विधेयक जैसे-जैसे संसदीय प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ेगा, इसका विरोध तेज होने की भी प्रबल संभावना है।
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सरकार का कहना है कि अगर यूपोपीय संघ के साथ भविष्य के व्यापार सौदों को लेकर चल रही वार्ता विफल हो जाती है तो यह विधेयक उत्तरी आयरलैंड और शेष ब्रिटेन के हितों की रक्षा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
हालांकि आलोचकों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होने से इससे ब्रिटेन का नुकसान होने की संभावना है। सत्तारूढ़ टोरी पार्टी के दो सांसदों सर रोजर गेल और एंड्रयू पर्सी ने सोमवार रात हुए मतदान में विधेयक के खिलाफ वोट दिया जबकि 30 सदस्य अनुपस्थित रहे।
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मतदान से पहले सोमवार शाम इस विधेयक पर लगभग पांच घंटे तक बहस हुई।
इस दौरान प्रधानमंत्री जॉनसन ने कह कि यह विधेयक ब्रिटेन की ''आर्थिक और राजनीतिक अखंडता'' सुनिश्चित करेगा।
इस विधेयक में एक जनवरी को ब्रिटेन के यूरोपीय संघ के एकल बाजार तथा नियमों से बाहर निकलने के बाद इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स एवं उत्तरी आयरलैंड के बीच वस्तुओं और सेवाओं के मुक्त आदान-प्रदान की बात कही गई है।
इस विधेयक से सरकार को ईयू से बाहर निकलने के लिये हुए समझौतों में बदलाव की शक्ति मिल गई है जबकि ईयू से साथ हुआ उसका समझौता कानूनी रूप से बाध्यकारी है और उसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।
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