देहरादून, 6 जनवरी : केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शनिवार को कहा कि लॉर्ड मैकाले को देश की पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को खत्म करने और लोगों को मानसिक रूप से गुलाम बनाने के लिए भारत भेजा गया था. उन्होंने कहा कि भारतीय मानस पर मैकाले की शिक्षा प्रणाली के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए 'गुरुकुल' का पुनरुद्धार आवश्यक है.
हालांकि, रक्षा मंत्री ने सलाह दी कि शिक्षा के इन केंद्रों को पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के साथ ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ और ‘क्वांटम प्रौद्योगिकी’ जैसी उभरती प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बनाना चाहिए. सिंह ने हरिद्वार में पतंजलि गुरुकुलम के शिलान्यास समारोह में संतों और छात्रों की एक सभा में कहा, "मैकाले को भारतीयों के मानस पर कब्जा करके उन्हें मानसिक रूप से गुलाम बनाने के लिए भारत भेजा गया था." यह भी पढ़ें : हरियाणा : बल्लभगढ़ में विवाहिता ने फांसी लगाकर की कथित आत्महत्या
भारत की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत के प्रति मैकाले के उपेक्षापूर्ण रवैये के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ब्रिटिश अधिकारी ने एक बार एक यूरोपीय पुस्तकालय में एक अलमारी को भारत की सभी सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत से बढ़कर बताया था. देश में पाश्चात्य शिक्षा प्रणाली की शुरुआत लॉर्ड मैकाले ने की थी. सिंह ने कहा, "मैकाले की शुरू की गई शिक्षा प्रणाली ने भारतीयों की ऐसी पीढ़ियों को जन्म दिया, जो अपनी संस्कृति और परंपराओं के बारे में हीन भावना लेकर बड़ी हुई."