नयी दिल्ली, 18 जुलाई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को दो दिन की अंतरिम जमानत दे दी।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह ने सिंह को 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर राहत दी।
अदालत ने मामले में डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर को भी जमानत दे दी।
सिंह और तोमर उन्हें जारी किए गए समन के अनुपालन में अदालत में पेश हुए और मामले में जमानत का अनुरोध किया।
दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद के खिलाफ 15 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।
तोमर पर भादंसं की धारा 109 (किसी अपराध के लिए उकसाना), 354, 354ए और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाया गया था।
सिंह के वकील ने ‘मीडिया ट्रायल’ का आरोप लगाया, जिस पर न्यायाधीश ने कहा कि वह उच्च न्यायालय या निचली अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर कर सकते हैं। न्यायाधीश ने कहा, अदालत आवेदन पर उचित आदेश पारित करेगी।
वकील ने हालांकि इस संदर्भ में कोई आवेदन नहीं दिया।
वर्तमान मामले के अलावा, एक नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद सिंह के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जो यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत थी। वह उन सात महिला पहलवानों में शामिल थी जिन्होंने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
दोनों प्राथमिकी में, एक दशक से अधिक समय में अलग-अलग समय और स्थानों पर सिंह द्वारा अनुचित स्पर्श, छेड़छाड़, पीछा करना और धमकी जैसे यौन उत्पीड़न के कई कथित उदाहरणों का उल्लेख किया गया है।
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