नयी दिल्ली, 30 अगस्त सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) अगले 5-7 साल में एक तेल शोधन एवं पेट्रोरसायन परिसर स्थापित करने की संभावना तलाश रही है।
कंपनी के चेयरमैन जी कृष्णकुमार ने शुक्रवार को शेयरधारकों को यह जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए क्षमता बढ़ा रही है।
बीपीसीएल की चार तेल रिफाइनरियों में से एक ऑयल इंडिया लिमिटेड के पास चली गई थी। ऐसे में कंपनी ने अपने मुख्य तेल शोधन और ईंधन खुदरा कारोबार के साथ ही नए ऊर्जा उपक्रमों में विस्तार के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है।
उन्होंने कहा, ''बीना और कोच्चि (रिफाइनरियों) में हमारे पूर्व निर्धारित विस्तार के अलावा मांग को पूरा करने के लिए हम अगले 5-7 वर्षों के भीतर अतिरिक्त एकीकृत तेल शोधन और पेट्रोरसायन क्षमताएं स्थापित करने के विकल्पों का मूल्यांकन कर रहे हैं।’’
बीपीसीएल को असम में अपनी नुमालीगढ़ रिफाइनरी को ओआईएल को सौंपना पड़ा था, क्योंकि सरकार कंपनी का निजीकरण करने की संभावनाएं तलाश रही थी। असम समझौते का सम्मान करते हुए नुमालीगढ़ इकाई को सार्वजनिक क्षेत्र में रखने के लिए यह हस्तांतरण किया गया था। हालांकि, बाद में बोलीदाताओं की रुचि न होने के कारण बीपीसीएल के निजीकरण की प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया।
अब कंपनी के पास मुंबई, मध्य प्रदेश के बीना और केरल के कोच्चि में रिफाइनरी बची हैं।
कृष्णकुमार ने कहा कि भारत में शोधित ईंधन और पेट्रोरसायन की खपत निकट भविष्य में सालाना 4-5 प्रतिशत और 7-8 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
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