बीएमसी को मुंबई की गड्ढों वाली सड़कों को लेकर कुछ करना चाहिए: बंबई उच्च न्यायालय

बंबई उच्च न्यायालय ने आज कहा कि आर्थिक रूप से संपन्न बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को जनता की भलाई के लिए पैसा खर्च करना चाहिए और शहर में गड्ढों वाली सड़कों को लेकर नागरिकों के लिए कुछ करना चाहिए.

बीएमसी (Photo Credits: Wikimedia Commons)

मुंबई, 23 सितंबर : बंबई उच्च न्यायालय ने आज कहा कि आर्थिक रूप से संपन्न बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को जनता की भलाई के लिए पैसा खर्च करना चाहिए और शहर में गड्ढों वाली सड़कों को लेकर नागरिकों के लिए कुछ करना चाहिए. न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने बीएमसी आयुक्त इकबाल चहल को अगले सप्ताह किसी दिन मुलाकात का निर्देश दिया. अदालत मुंबई में और राज्य के अन्य स्थानों पर सड़कों की हालत पर तथा गड्ढों वाली सड़कों के कारण होने वाली मौत के बढ़ते मामलों के संबंध में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.

अदालत ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि मिस्टर चहल अगले सप्ताह किसी दिन अपनी सुविधा से हमसे आकर मिलें. तब तक उन्हें अपने अधिकारियों के माध्यम से मुंबई की 20 सबसे खराब सड़कों का सर्वे का काम कराना होगा.’’ न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा कि 2020 में जब वह मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के बाद यहां आये थे तो उन्होंने ऐसे ही मुद्दों पर एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘उस समय मैंने यह कहकर सुनवाई से इनकार कर दिया कि मुंबई की सड़कों की हालत फिर भी अपेक्षाकृत अच्छी है. लेकिन अब दो साल बाद हालात बदल गये हैं.’’ यह भी पढ़ें : MP में नाव पलटी, स्कूल जाने वाले छात्रों ने तैरकर अपनी जान बचाई सुरक्षित तैरकर निकले

उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुंबई में अन्य लोगों की तरह ज्यादा नहीं घूमता, लेकिन आप मेरे घर (दक्षिण मुंबई में) के सामने की ही सड़क की हालत देखिए जहां अनेक वीआईपी रहते हैं. मैं यह नहीं कह सकता कि आकर मेरे घर के बाहर की सड़क सही करिये.’’ अदालत ने कहा कि न्यायाधीश भी नागरिक हैं और बीएमसी को सभी नागरिकों के लिए कुछ करना चाहिए.

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