मुंबई, 11 जून महाराष्ट्र से राज्यसभा की तीन सीट पर भारतीय जनता पार्टी की जीत को “खरीद-फरोख्त से हासिल की गई विजय” करार देते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को निर्वाचन आयोग पर विपक्षी दल का साथ देने का आरोप लगाया और दावा किया कि भाजपा ने आयोग पर “दबाव” बनाया।
अपनी सीट बचाने में कामयाब हुए राउत ने दोपहर में संवाददाताओं से कहा, “कुछ घोड़ों को ऊंचे दाम पर बिक्री के लिए रखा गया था और हमारे उम्मीदवार को वोट देने के आश्वासन के बावजूद उन्होंने पाला बदल लिया।” राउत ने कहा कि शिवसेना के दूसरे प्रत्याशी संजय पवार की हार से पार्टी को कोई झटका नहीं लगा।
उन्होंने कहा, “पवार को पहली प्राथमिकता के 33 वोट मिले जबकि भाजपा के धनंजय महाडिक को 27 मत प्राप्त हुए। दूसरी और तीसरी प्राथमिकता वाले मतों के आधार पर महाडिक जीतने में कामयाब हो गए।”
राउत ने कहा कि शिवसेना विधायक सुहास कांदे का वोट अमान्य करार दिया गया और भाजपा के दो मतों को बरकरार रखा गया।
उन्होंने कहा कि बहुजन विकास आघाडी (बीवीए) के तीन विधायक, करमाला से एक निर्दलीय विधायक संजयमामा शिंदे, स्वाभिमानी पार्टी के विधायक देवेंद्र भुयार और पीडब्ल्यूपी के विधायक श्यामसुंदर शिंदे ने महा विकास आघाडी को वोट देने का आश्वासन देने के बावजूद गठबंधन के पक्ष में मतदान नहीं किया। राउत ने कहा, “हमने इसका संज्ञान लिया है।”
उन्होंने कहा कि संजय पवार की हार से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे निराश हैं। इससे पहले आज राउत ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा की जीत उतनी बड़ी नहीं है, जितना बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेताओं ने राज्यसभा चुनाव में पवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत योजना बनाई थी, लेकिन कुछ विधायकों ने उनके लिए वोट नहीं किया।
उन्होंने कहा, “सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी के शीर्ष नेताओं ने भी संजय पवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की थी।” महाराष्ट्र से कड़े मुकाबले में भाजपा के पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और महाडिक राज्यसभा चुनाव में विजयी हुए हैं।
शिवसेना से राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी संसद के उच्च सदन में पहुंचे हैं। कुल 284 वैध मतों में से गोयल को 48, बोंडे को 48, महाडिक को 41. 56, राउत को 41, प्रतापगढ़ी को 44 और पटेल को 43 मत प्राप्त हुए।
चुनाव के नियमों का उल्लंघन होने के आरोपों और मतों को अमान्य ठहराने की मांग को लेकर भाजपा और शिवसेना दोनों ने निर्वाचन आयोग का रुख किया। आयोग ने महाराष्ट्र के राज्यसभा निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया कि शिवसेना के विधायक सुहास कांदे के मत को खारिज कर दिया जाए।
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