जयपुर, एक अप्रैल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जयपुर में सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में चार आरोपियों को उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए जाने के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए शनिवार को यहां बड़ी चौपड़ पर धरना दिया और सरकार पर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया।
मुख्य विपक्षी दल के नेताओं का आरोप है कि राजस्थान सरकार की ओर से कमजोर पैरवी करने के कारण इस मामले में वे चारों आरोपी बरी हो गए जिन्हें निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी।
भाजपा नेताओं ने कहा कि शहर में सिलसिलेवार बम धमाकों में 71 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे जिन्हें आरोपियों के बरी होने से बड़ा 'झटका' लगा है और पीड़ित अब भी न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को इस मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन चार आरोपियों को बरी कर दिया जिन्हें विशेष अदालत ने 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने इसके साथ ही 'खराब' जांच के लिए भी जांच एजेंसी को फटकार लगाई।
राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने का फैसला किया है। सरकार इस मामले में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करेगी।
पूर्व मंत्री राजपाल सिंह ने कहा, "यह फैसला राज्य सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाता है, जिसकी कमजोर पैरवी के कारण दोषी ठहराए गए चारों आरोपी बरी हो गए।" उन्होंने कहा कि पीड़ित न्याय का इंतजार कर रहे हैं लेकिन सरकार तुष्टिकरण में लगी है।
धरने में जयपुर से सांसद रामचरण बोहरा, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी समेत अन्य नेता मौजूद रहे।
गौरतलब है कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को सिलसिलेवार हुए आठ बम धमाकों में कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक घायल हुए थे। इन आठ सिलसिलेवार बम धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर को हिला दिया था। पहला धमाका चांदपोल हनुमान मंदिर और उसके बाद दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर हुआ था। इसके बाद बड़ी चौपड़, जोहरी बाजार, छोटी चौपड़ और तीन अन्य स्थानों पर धमाके हुए थे।
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