Karnataka Election 2023: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं से कर्नाटक में दो तिहाई बहुमत से सरकार के गठन को सुनिश्चित करने का आग्रह करते हुए शनिवार को कहा कि पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में अकेले उतरेगी. उन्होंने कहा कि यह सीधा मुकाबला होगा क्योंकि जनता दल (सेक्युलर) को वोट देना कांग्रेस को वोट देने जैसा होगा। उन्होंने भाजपा का संदर्भ देते हुए लोगों से यह भी तय करने का आग्रह किया कि वे ‘‘देशभक्तों की पार्टी’’ के साथ खड़े हैं या कांग्रेस के नेतृत्व में ‘‘टुकड़े टुकड़े गिरोह’’ के साथ.
शाह ने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से दो पक्ष हैं और इस बार सीधी लड़ाई है। पत्रकार कहते हैं कि त्रिकोणीय लड़ाई है। मैं कहता हूं नहीं, यह सीधी लड़ाई है, क्योंकि जद (एस) को वोट देने का मतलब कांग्रेस को वोट देना है। तो, क्या यह सीधी लड़ाई है या नहीं?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि जद (एस) अफवाह फैला रही कि भाजपा उसके साथ गठजोड़ करेगी। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘मैं कार्यकर्ताओं और कर्नाटक के लोगों से कहने आया हूं कि हम किसी भी पार्टी के साथ गठजोड़ नहीं करेंगे। हम अकेले लड़ेंगे और अपने दम पर सरकार बनाएंगे. यह भी पढ़े: Assembly Elections in 2023: साल 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव, भाजपा ने कसी कमर, बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक आज
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से दो पक्ष हैं। एक तरफ, भाजपा के रूप में देशभक्तों का संगठन है और दूसरी तरफ, कांग्रेस के नेतृत्व में टुकड़े-टुकड़े गिरोह एक साथ आ गए हैं। यह कर्नाटक के लोगों को तय करना है कि वे देशभक्तों के साथ हैं या उन लोगों के साथ जो इस देश को विभाजित करना चाहते हैं. शाह यहां पैलेस ग्राउंड में भाजपा के बूथ अध्यक्षों और बूथ स्तरीय प्रतिनिधि के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। गोवा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गुजरात में भाजपा की जीत का उल्लेख करते हुए, शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘यदि आप सरकार बनाना चाहते हैं, तो आधी-अधूरी न बनाएं, पूर्ण दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएं.
शाह ने कहा, ‘‘मैंने कर्नाटक के लोगों का मूड देखा है। लोग तैयार हैं (हमें समर्थन देने के लिए), हमें उनके पास जाने की जरूरत है. कांग्रेस और जद (एस) को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जद (एस) को वोट देने पर कुमारस्वामी (जद(एस) नेता) कांग्रेस के पाले में चले जाएंगे. भाजपा को स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाने का मौका दें, हम पांच साल में भ्रष्टाचार, परिवारवाद और जातिवाद खत्म कर देशभक्त सरकार देंगे.
उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में, कर्नाटक के लोगों ने भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बनाया, लेकिन संख्या थोड़ी कम थी। शाह ने कहा, जैसा कि हमेशा होता है, भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस और जद (एस) ने चुनाव के बाद गठजोड़ कर लिया. इस कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और सी टी रवि सहित अन्य उपस्थित थे.
कर्नाटक को भारत के दक्षिण में भाजपा के लिए ‘‘प्रवेश द्वार’’ बताते हुए, पूर्व भाजपा अध्यक्ष शाह ने राज्य के ‘ओल्ड मैसूरु’ क्षेत्र में मांड्या की अपनी यात्रा के दौरान मिली प्रतिक्रिया के बारे में प्रसन्नता व्यक्त की, जहां पार्टी को कमजोर माना जाता है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अपने बूथ पर ध्यान केंद्रित करें जैसे महाभारत में अर्जुन तीरंदाजी के दौरान निशाना बनाते समय केवल चिड़िया की आंख देख सकता था। शाह ने कहा, ‘‘आप अपने बूथ को मजबूत करें और मोदीजी देश को मजबूत करेंगे.
शाह ने कहा कि एक तरफ मोदी और भाजपा हैं जिन्होंने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगा दिया और दूसरी तरफ कांग्रेस के सिद्धरमैया और जद (एस) के एच डी कुमारस्वामी हैं जिन्होंने 1,700 पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले वापस ले लिए. शाह ने 70 साल तक जम्मू कश्मीर के संबंध में अनुच्छेद 370 को बनाए रखने के लिए भी कांग्रेस को दोषी ठहराया और कहा, ‘‘5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करके, मोदी ने आतंकवाद का अंत कर दिया.
शाह ने कहा, ‘‘जब मैंने संसद में (अनुच्छेद 370 को) निरस्त करने का विधेयक लाया तो कांग्रेस, जद (एस), कम्युनिस्टों, समता, ममता (टीएमसी), सपा, बसपा ने यह कहते हुए आपत्ति जताई कि कश्मीर में खून की नदी बहेगी। आज मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि किसी में एक पत्थर मारने की भी हिम्मत नहीं है, यह नरेंद्र मोदी की सरकार है. उन्होंने कहा, ‘‘क्या डी के शिवकुमार, सिद्धरमैया और कुमारस्वामी तथा उनकी पार्टियां आतंकवाद के खिलाफ लड़ सकती हैं और इस देश की रक्षा कर सकती हैं? क्या वे कर्नाटक को पीएफआई से बचा सकते हैं? नहीं, वे नहीं कर सकते। उन्हें वोट बैंक से डर लगता है, लेकिन भाजपा देश की रक्षा में विश्वास रखती है.
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