बेंगलुरु, 30 दिसंबर कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं विधान परिषद सदस्य सी.टी. रवि ने सोमवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत से आग्रह किया कि मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने के लिए उनके खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न मामले के संबंध में उनकी कथित ‘‘अवैध गिरफ्तारी’’ और पुलिस हिरासत में उनके साथ दुर्व्यवहार करने में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने राज्यपाल से तत्काल अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने का भी अनुरोध किया।
यहां रवि ने संवाददाताओं से कहा कि घटना परिषद के अंदर हुई और परिषद के अध्यक्ष बसवराज होरट्टी की सहमति ली जानी चाहिए थी, क्योंकि परिषद के अंदर सभी शक्तियां उनके पास हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस की गलती यह थी कि अध्यक्ष की सहमति के बिना मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया गया।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अब वे (पुलिस) कह रहे हैं कि वे इसे (वीडियो साक्ष्य) फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को भेजेंगे और इसके लिए उन्हें अध्यक्ष की अनुमति की आवश्यकता होगी, लेकिन मेरा सवाल यह है कि मुझे गिरफ्तार करने से पहले किसकी अनुमति ली गई। उन्होंने (पुलिस ने) मंत्रियों के दबाव में आकर दुर्भावनापूर्ण इरादे से मुझे गिरफ्तार किया।’’
राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में 19 दिसंबर की घटना को याद करते हुए, भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि बेलगावी के शीर्ष पुलिस अधिकारियों और उनके अधीनस्थों ने मंत्रियों के दबाव में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
रवि ने पुलिस अधिकारियों पर यह भी आरोप लगाया कि 19 दिसंबर को रातभर उन्हें 400 किलोमीटर तक घुमाया गया और हिरासत के दौरान चोट पहुंचाई गई।
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘मेरे सिर से खून बह रहा था, पुलिस जीप में उल्टियां हो रही थीं, इसके बावजूद लंबे समय तक चिकित्सकीय सहायता मुहैया कराने की जहमत तक नहीं उठाई गई। उन्होंने मुझे लंबे समय तक भूखा-प्यासा रखा, मेरे साथ जानवरों की तरह दुर्व्यवहार किया, मुझे बेहद प्रताड़ित किया, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया।’’
यह आरोप लगाते हुए कि पुलिस ने उनका ‘खात्मा’ करने के लिए हर संभव प्रयास किए, रवि ने राज्यपाल से पूरे प्रकरण पर पुलिस महानिदेशक से स्पष्टीकरण मांगने का अनुरोध किया।
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