मुंबई, 21 अक्टूबर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने सोमवार को आरोप लगाया कि 150 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूचियों में फर्जी नाम शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया कि ये वो सीट हैं जिन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव लड़ने की योजना बना रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में यह भी दावा किया गया कि इस तरह की 'छेड़छाड़' इसलिए की जा रही है क्योंकि भाजपा को राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में हार का डर है।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
'सामना' के संपादकीय में आरोप लगाया गया है, "भाजपा ने राज्य में हार के डर से मतदाता सूची से छेड़छाड़ करने के लिए इस तरह के अनैतिक उपायों का सहारा लिया है। इस चुनाव में भाजपा करीब 150 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। पार्टी ने अतीत में मतदान की प्रवृत्ति की पड़ताल की और करीब 10,000 मतदाताओं के नाम हटाए जाने के लिए चिन्हित किए। पार्टी उनकी जगह फर्जी नाम जोड़ रही है।"
संपादकीय में आरोप लगाया गया कि प्रशासन ने चंद्रपुर जिले के राजुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में 6,853 फर्जी नाम डालने के प्रयास को विफल कर दिया है।
'सामना' के संपादकीय में दावा किया गया, "इससे मतदाता सूची से छेड़छाड़ करने की भाजपा की योजना का खुलासा हुआ है। पार्टी कार्यकर्ता मध्यप्रदेश या छत्तीसगढ़ में रहने वाले लोगों के आधार कार्ड नंबर का इस्तेमाल महाराष्ट्र में अपना नाम शामिल करने के लिए कर रहे हैं।"
उल्लेखनीय है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में राजुरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस विधायक सुभाष धोटे ने जीत हासिल की थी।
संपादकीय में आरोप लगाया गया, "भाजपा ने चुनिंदा विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में छेड़छाड़ करने के लिए कई लोगों को नियुक्त किया है। भाजपा द्वारा एक विशेष प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया गया था।"
इसमें कहा गया है कि भाजपा में शिवसेना (यूबीटी) के साथ निष्पक्ष मुकाबला करने का साहस नहीं है, इसलिए उसने इस तरह के तरीकों से चुनाव जीतने की साजिश रची है।
संपादकीय में आरोप लगाया गया है, ‘‘निर्वाचन आयोग बहरे, गूंगे और अंधे की तरह काम कर रहा है और इसके अधिकारियों का एकमात्र काम भाजपा नेताओं के आदेशों का पालन करना है।’’
इसमें दावा किया गया है कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग नियम हैं।
एमवीए के घटक दलों में मुख्य रूप से कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव से पहले महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग की है।
कांग्रेस ने दावा किया है कि रश्मि शुक्ला विपक्षी नेताओं के फोन की अवैध टैपिंग में शामिल रही हैं और इस प्रक्रिया में सक्षम अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है।
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र में कहा गया है, "हमने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से शुक्ला का तबादला करने का अनुरोध किया था, क्योंकि वह ऐसे चुनावों के दौरान निष्पक्ष अधिकारी नहीं होंगी। निर्वाचन आयोग ने हमारी मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसके पास ऐसी कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। हालांकि, जब भाजपा ने मांग की कि तो उसी निर्वाचन आयोग ने झारखंड राज्य के डीजीपी का तबादला कर दिया। क्या महाराष्ट्र और झारखंड के लिए अलग-अलग नियम हैं?"
सूत्रों के अनुसार निर्वाचन आयोग ने शनिवार को झारखंड सरकार को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाने का निर्देश दिया है। ऐसा पिछले चुनावों में उनके खिलाफ शिकायतों के कारण किया गया है।
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