अगरतला: तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने मंगलवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनसे डरी हुई है और साथ ही उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBi) को चुनौती दी कि अगर उनमें हिम्मत है तो वे उन्हें हाथ लगाकर दिखायें. बनर्जी ने यहां तृणमूल कांग्रेस की एक चुनावी रैली में कहा कि उनकी पत्नी को सीबीआई ने उनके यहां दौरे से एक दिन पहले सोमवार को तलब किया था और केंद्रीय एजेंसियों ने दिल्ली में 10 घंटे से अधिक समय तक दो बार उनसे पूछताछ की. बनर्जी ने कहा, ‘‘उन्होंने क्या किया? अगर आपमें (ईडी और सीबीआई) में हिम्मत है तो मुझे छूकर दिखायें.
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा मुझसे डरती है. वह तृणमूल कांग्रेस को त्रिपुरा, असम और मेघालय में प्रवेश करने से नहीं रोक पाएगी. ममता बनर्जी की पार्टी उन राज्यों में लोकतंत्र को फिर से स्थापित करेगी जहां लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया है. ईडी पश्चिम बंगाल में एक कथित कोयला घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जांच कर रही है जबकि सीबीआई ने कोयला घोटाले के सिलसिले में उनकी पत्नी रुजीरा से पूछताछ की है. यह भी पढ़े: West Bengal: अभिषक बनर्जी ने सीबीआई जांच का आदेश देने के लिए न्यायपालिका पर साधा निशाना
केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर उसके पास ईडी और सीबीआई है, तो हमारे (टीएमसी) पास लोगों का समर्थन है और लोकतंत्र में लोगों की बात आखिरी होती है. उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस एक डीवीडी की तरह है जिसे सुना और देखा जा सकता है, जबकि भाजपा एक ऑडियो सिस्टम है जिसे केवल सुना जा सकता है.
बनर्जी ने कहा कि भाजपा ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने और देश में अच्छे दिन लाने का वादा किया था। उन्होंने कहा, ‘‘उसने आश्वासन दिया था कि नोटबंदी के बाद काला धन अतीत की बात हो जाएगा। लेकिन क्या देश से काला धन गायब हो गया है? मूल्य वृद्धि उन लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है, जिन्होंने अच्छे दिन की उम्मीद में भाजपा को वोट दिया था.
बनर्जी ने 23 जून को राज्य विधानसभा उपचुनाव के लिए टीएमसी उम्मीदवारों पन्ना देब (अगरतला) और संहिता भट्टाचार्य (बोरदोवाली) के लिए रोड शो किया। उन्होंने कहा कि यह उपचुनाव मुकाबला 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले होगा जिसमें राज्य में भाजपा की सरकार सत्ता से हटेगी.
बनर्जी ने कहा, ‘‘टीएमसी विकास गतिविधियों की वापसी के लिए भाजपा के दुआरे गुंडा (दरवाजे पर गुंडागर्दी) संस्कृति के स्थान पर दुआरे सरकार (द्वार पर सरकार) स्थापित करना चाहती है।’’
पश्चिम बंगाल में विशिष्ट सरकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए 'दुआरे सरकार' योजना मौजूद है.
अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से लगभग दस महीने पहले त्रिपुरा में मुख्यमंत्री बदलने के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए, टीएमसी नेता ने कहा, ‘‘नाव में पहले ही छेद हो गया है ... इस समय माझी को बदलने से नौका को डूबने से नहीं रोका जा सकता.
बिप्लब देब ने मई में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उनकी जगह माणिक साहा को नियुक्त किया गया था. बनर्जी ने मतदाताओं से कांग्रेस और माकपा को वोट न देने का भी आग्रह किया क्योंकि उन्हें अतीत में लोगों की सेवा करने के "पर्याप्त" अवसर मिले हैं, लेकिन वे प्रदर्शन करने में विफल रहे.
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