बेंगलुरु, 14 जनवरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को पुलिस पर यहां चामराजपेट में गाय पर हमले के मामले में एक निर्दोष व्यक्ति को फंसाने का आरोप लगाया और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।
मूल रूप से बिहार के चंपारण के निवासी शेख नसरू (30) को रविवार को तीन गायों के थन काटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
मामले ने उस वक्त सांप्रदायिक विवाद का रूप ले लिया जब पार्टी ने धमकी दी कि अगर दोषियों को त्योहार से पहले गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे ‘काली संक्रांति’ मनाएंगे। पार्टी तब से इस बात पर जोर दे रही है कि वास्तविक अपराधियों को पकड़ा जाना चाहिए।
यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने कहा, ‘‘ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि एक निर्दोष व्यक्ति को गलत तरीके से फंसाया गया है और उसे अपराधी के तौर पर पेश किया जा रहा है।’’
विपक्ष के नेता आर. अशोक ने भी जांच पर संदेह जताते हुए सवाल उठाया कि एक मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति एक दशक तक कंपनी में कैसे काम कर सकता है।
अशोक ने बताया कि घटना पशु चिकित्सालय में हुई, जो चार एकड़ में फैला हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल को हाल में वक्फ की संपत्ति घोषित किया गया था और दावा किया कि घायल मवेशियों के मालिक ने वक्फ बोर्ड के फैसले का विरोध किया था, जिससे संकेत मिलता है कि इस विरोध के कारण ही यह घटना हुई।
विजयेंद्र और अशोक के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने हमले वाले स्थान पर गायों की विशेष पूजा करके ‘संक्रांति’ का त्योहार मनाया।
इस बीच, राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया और कहा कि पुलिस बिना किसी पूर्वाग्रह के मामले की जांच कर रही है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘अगर जांच में और लोगों की संलिप्तता सामने आती है, तो पुलिस उन्हें नहीं छोड़ेगी।’’
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