खेल की खबरें | बेयरस्टॉ और रूट ने भारत पर इंग्लैंड को दिलाई रिकॉर्ड जीत

बर्मिंघम, पांच जुलाई कठिन लक्ष्य को आसानी से हासिल करने के फन में माहिर हो चले जॉनी बेयरस्टॉ और जो रूट ने भारत के नामचीन गेंदबाजी आक्रमण को धता बताते हुए इंग्लैंड को टेस्ट क्रिकेट में उसके सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए सात विकेट से जीत दिलाई और पांच मैचों की श्रृंखला 2 . 2 से बराबर की ।

इंग्लैंड ने इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 . 0 से जीती श्रृंखला में 278, 299, 296 रन के लक्ष्य को हासिल करके जीत दर्ज की थी।

चौथे दिन भारत के कार्यवाहक कप्तान जसप्रीत बुमराह ने दो विकेट लेकर इंग्लैंड पर दबाव बनाने की कोशिश की थी लेकिन आखिरी दिन मंगलवार को इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने अंगद के पांव की तरह क्रीज पर डटे रहकर जीत दर्ज की ।

बुमराह को छोड़कर समूचा भारतीय आक्रमण इन दोनों के सामने बौना साबित हुआ । इंग्लैंड ने पांचवें दिन 119 रन का लक्ष्य 19 . 4 ओवर में हासिल कर लिया ।

कप्तानी छोड़ने के बाद से शानदार बल्लेबाजी कर रहे रूट 142 रन बनाकर नाबाद रहे जो उनका 28वां शतक है । उन्होंने बेयरस्टॉ (नाबाद 114) के साथ 269 रन की अटूट साझेदारी की ।

पहली पारी में 106 रन बनाने वाले बेयरस्टॉ ने एक और यादगार पारी खेलकर कोच ब्रेंडन मैकुलम के आक्रामकता के फलसफे को नये मायने दिये ।

रूट पिछली आठ पारियों में 11, नाबाद 115, 176, 3,5, नाबाद 86, 5 और नाबाद 142 रन बना चुके हैं । वहीं बेयरस्टॉ ने 1,16,8,136,162, नाबाद 71 , 106 और नाबाद 114 रन बनाये हैं ।

दक्षिण अफ्रीका से दो मैच हारने के बाद भारत की यह लगातार तीसरी हार है । पहली पारी में 132 रन की बढत बनाने के बाद भारत को यह हार बहुत खलेगी ।

इससे विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप तालिका में शीर्ष दो में रहने की भारत की उम्मीदों को भी झटका लगेगा ।

इस हार के बावजूद बतौर कप्तान अपने कैरियर के पहले मैच में बुमराह ने प्रभावित किया । जीत के लिये 378 रन का लक्ष्य देने के बाद फील्ड का जमावड़ा बेहतर होना चाहिये थे ।

राहुल द्रविड़ के कोच बनने के बाद से भारत ने विदेश में चार में से तीन टेस्ट गंवाये हैं और परंपरावादी बल्लेबाज रहे द्रविड़ के लिये यह अच्छी शुरूआत कतई नहीं है ।

बल्लेबाज इक्के दुक्के रन आसानी से लेते रहे और दबाव हटने पर खुलकर खेले । क्षेत्ररक्षकों के बीच जगह तलाशना उनके लिये चुनौतीपूर्ण नहीं रहा ।

भारत के तीसरे और चौथे तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर प्रभावित नहीं कर सके और रविंद्र जडेजा को भी विकेट नहीं मिले । यह सवाल उठना लाजमी है कि रविचंद्रन अश्विन पर ठाकुर को तरजीह क्यो दी गई ।

इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने कुल 50 बाउंड्री लगाई जिसमें 48 चौके और दो छक्के शामिल थे ।

विराट कोहली की आक्रामकता काबिले तारीफ है लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं कि कई बार इसका उलटा असर भी होता है । बेयरस्टॉ को उनके उकसाने का नतीजा सामने है ।

बल्लेबाजी में शुभमन गिल से पारी की शुरूआत कराने की बजाय उन्हें मध्यक्रम में उतारना ही सही होगा। हनुमा विहारी और श्रेयस अय्यर इस मौके को भुना नहीं सके । कोहली का बतौर बल्लेबाज खराब फॉर्म जारी रहा ।

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