देश की खबरें | बिहार : सफाईकर्मी से उपमहापौर बनीं महिला सब्जी बेचने को मजबूर

गया, तीन दिसंबर बिहार के गया में दशकों तक सड़कों पर झाड़ू लगाने के बाद जब चिंता देवी गया शहर की उपमहापौर बनीं, तो उन्हें महसूस हुआ कि 'मोक्ष की नगरी' ने आखिरकार उन्हें मुक्ति प्रदान कर दी है।

लेकिन, लगभग दो साल तक पद पर रहने के बाद वह पुनः सड़कों पर सब्जियां बेच रही हैं। वह उनके साथ कथित तौर पर किए गए अनादर के विरोध में ऐसा कर रही हैं।

चिंता देवी ने अपनी इस स्थिति को लेकर सवाल किया, ‘‘यदि मुझे नगर निगम में होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी नहीं दी जाती, तो मेरे उपमहापौर बनने का क्या मतलब है? ’’

गया नगर निगम में 35 वर्षों तक सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाली चिंता देवी अपनी सेवानिवृत्ति के दो वर्ष बाद दिसंबर 2022 में गया की उपमहापौर चुनी गईं थीं।

चिंता देवी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं गया नगर निगम प्रशासन के रवैये से बहुत परेशान हूं। निगम में होने वाली बैठकों में भी मुझे नहीं बुलाया जाता। अधिकारी मुझे शहर में निगम द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी तक नहीं देते।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई महीनों से उन्हें उपमहापौर का वेतन नहीं दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘यही वजह है कि मैंने गया की सड़कों पर सब्ज़ियां बेचने का फैसला किया। बिना किसी काम के नगर निगम दफ़्तर में बैठने से बेहतर है सब्ज़ियां बेचना।’’

चिंता देवी को मंगलवार को केदारनाथ बाजार में सब्जी बेचते देख हर कोई हैरान रह गया और उनके आसपास भारी भीड़ जमा हो गई।

उन्होंने दावा किया, ‘‘ मैं सब्जी बेचकर पैसे कमा सकती हूं, हालांकि मुझे नगर निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारी के रूप में पेंशन मिलती है। लेकिन, मुझे निगम द्वारा कोई भी सुविधा नहीं दी जा रही है, जिसकी मैं उपमहापौर होने के नाते हकदार हूं। ’’

गया के वरिष्ठ नगरपालिका अधिकारियों ने देवी द्वारा लगाए गए आरोपों पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)