मंगलवार, 3 दिसंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि एक हिंदू महिला, जो वर्तमान में चेंबूर में एक सरकारी महिला आश्रय गृह में रह रही है, को उसके मुस्लिम साथी द्वारा बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने के बाद 9 दिसंबर को अदालत में पेश किया जाए. उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता-पुरुष को भी उसी दिन अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया. पुरुष ने महिला की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था. उन्होंने तर्क दिया कि महिला की हिरासत गैरकानूनी है और उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की पीठ ने पुलिस को महिला के माता-पिता द्वारा दर्ज जबरन वसूली के मामले में पुरुष को गिरफ्तार न करने का भी निर्देश दिया. पीठ ने कहा, "सोमवार तक उसे गिरफ्तार न करें. हम देखना चाहते हैं कि क्या है." यह भी पढ़ें: बहू को टीवी देखने, पड़ोसियों से मिलने और अकेले मंदिर जाने की अनुमति न देना क्रूरता नहीं है: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को मुस्लिम व्यक्ति की हिंदू साथी को अदालत में पेश करने का आदेश दिया:
Bombay High Court orders Mumbai police to produce Muslim man's Hindu partner before court
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— Bar and Bench (@barandbench) December 4, 2024
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