सुशांत सिंह राजपूत मामले में बिहार पुलिस की जांच काफी तेजी से और सही दिशा में आगे बढ़ी थी: IPS अधिकारी विनय तिवारी

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच के लिए मुंबई जाने के बाद पृथक-वास में रखे गए आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी ने कहा कि दो अगस्त को उन्हें पृथक-वास में रखे जाने से पहले तक इस मामले में बिहार पुलिस की जांच काफी तेजी से और सही दिशा में आगे बढ़ रही थी.

सुशांत सिंह राजपूत मामले में बिहार पुलिस की जांच काफी तेजी से और सही दिशा में आगे बढ़ी थी: IPS अधिकारी विनय तिवारी
सुशांत सिंह राजपूत और आईपीएस विनय तिवारी (Photo Credits: Instagram/Twitter)

पटना, 8 अगस्त: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के मामले की जांच के लिए मुंबई जाने के बाद पृथक-वास में रखे गए आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी (Binay Tiwari) ने कहा कि दो अगस्त को उन्हें पृथक-वास में रखे जाने से पहले तक इस मामले में बिहार पुलिस की जांच काफी तेजी से और सही दिशा में आगे बढ़ रही थी. शहर के पुलिस अधीक्षक (पूर्व) तिवारी ने मुंबई से शुक्रवार देर रात यहां हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद संवाददाताओं से कहा, "मैंने अपने आधिकारिक दौरे के बारे में मुंबई में अपने समकक्षों को नियमानुसार सूचित कर दिया था. मैंने उनसे आवास और एक वाहन की व्यवस्था किए जाने का अनुरोध किया था. मेरी यात्रा और उसके मकसद के बारे में सभी जानते थे, इसलिए हवाईअड्डे पर मीडियाकर्मी अपने प्रश्नों के साथ मुझसे मिलने आए और मैंने उनके प्रश्नों के उत्तर दिए."

तिवारी अभिनेता की मौत के मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के लिए रविवार को मुंबई पहुंचे थे, जहां उन्हें कोविड-19 (Covid-19) महामारी के मद्देनजर पृथक-वास में रहने के लिए कहा गया था. तिवारी को शुक्रवार को बिहार लौटने की अनुमति दे दी गई थी. तिवारी ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यात्रा की पहले से जानकारी होने के बावजूद मुंबई में कोई उन्हें लेने हवाईअड्डा नहीं आया. उन्होंने कहा, "बहरहाल, मैं एक अतिथि गृह में रुका और इसके बाद मैं 27 जुलाई से मुंबई में ठहरे हुए अपनी टीम के सदस्यों से मिलने और हालात का जायजा लेने गया. मुझे रात करीब 10 बजे बीएमसी प्राधिकारियों का फोन आया और उन्होंने कहा कि मुझे पृथक-वास में रहना होगा. कानून का पालन करने वाला व्यक्ति होने के नाते मैं अतिथि गृह लौट आया और मैंने पूरा सहयोग किया."

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तिवारी ने कहा, "हम सभी यह देख रहे हैं कि जिस मुंबई में हर रोज बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं, वहां कुछ ही लोगों को इस तरीके से पृथक-वास में रखा जा रहा है. मेरे चार कनिष्ठों को भी पृथक-वास में नहीं रखा गया. अब, आप बात को समझने की कोशिश कीजिए." उन्होंने साथ ही कहा कि वह उन्हें पृथक-वास में रखे जाने के कारण किसी भी व्यक्ति विशेष पर दोषारोपण नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा, "पटना में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच करना हमारा संवैधानिक अधिकार और दायित्व था. दो अगस्त तक चीजें आगे बढ़ रही थीं. इसके बाद सब पटरी से उतर गया."

यह पूछे जाने पर कि क्या जांच में रिया चक्रवर्ती और मुंबई पुलिस के बीच किसी मिलीभगत की बात सामने आई है, जैसा कि राजपूत के पिता ने आरोप लगाया है तो तिवारी ने कहा, "मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा. ऐसा करना अनुचित होगा." उन्होंने कहा, "लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि 10 दिन में हमारी जांच काफी तेजी से और सही दिशा में आगे बढ़ी थी." राजपूत के पिता के के सिंह ने चक्रवर्ती और अन्य के खिलाफ राजीव नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था, जिसकी जांच राज्य सरकारी की सिफारिश पर सीबीआई को सौंप दी गई है.

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