Bihar Assembly By-Election: दोनों सीटों पर RJD ने अपने उम्मीदवार उतारे, कांग्रेस को झटका
राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार के तारापुर और कुशेश्वर अस्थान विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए रविवार को अपने उम्मीदवार की घोषणा की.
पटना, 3 अक्टूबर: राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार के तारापुर और कुशेश्वर अस्थान विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए रविवार को अपने उम्मीदवार की घोषणा की.राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय महासचिव आलोक मेहता और राज्य प्रवक्ता मृत्युंजय ने रविवार को संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और इस दौरान तारापुर तथा कुशेश्वर अस्थान के लिए क्रमशः अरुण कुमार साह और गणेश भारती के नामों की घोषणा की.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू द्वारा जीती गई इन दो सीटों के लिए उपचुनाव सत्ताधारी विधायकों के निधन के कारण आवश्यक हो गए हैं.राजग के सभी घटक दलों के नेताओं ने दो दिन पहले एकजुटता प्रदर्शित करते हुए संयुक्त रूप से अपने गठबंधन के उम्मीदवारों की घोषणा की थी जबकि पांच विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन का नेतृत्व करने वाले राजद ने अपने बूते पर पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा की है.दरभंगा जिले में पड़ने वाली आरक्षित सीट कुशेश्वर अस्थान पिछले साल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हिस्से में आयी थी और उसके उम्मीदवार 7,000 से कम मतों के अंतर से हार गए थे.यह भी पढ़े: Bihar By-Election: कई मुद्दों पर अलग-अलग राय के बाद भी प्रत्याशी चयन में दिखी राजग में एकता
हालांकि कांग्रेस ने राजद द्वारा एकतरफा उम्मीदवार घोषित किए जाने पर अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, पर पार्टी सूत्रों ने पुष्टि की है कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार अशोक राम या उनके परिवार के किसी करीबी सदस्य को मैदान में उतारने की उसकी योजना है.राजद सूत्रों ने कहा कि दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला विधानसभा सीटों पर महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के ‘‘निराशाजनक’’ प्रदर्शन के कारण लिया गया है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हिस्से में 70 सीटें थीं लेकिन उसे जीत सिर्फ 20 सीटों पर मिली थी.
भाजपा प्रवक्ता और पार्टी के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने राजद पर इसी बहाने कांग्रेस को उसकी हैसियत बताने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘राजद पहले से ही इस बात को लेकर परेशान है कि कांग्रेस लगातार उसकी छत्रछाया से बाहर निकलने के लिए मशक्कत कर रही है. कांग्रेस द्वारा कन्हैया को पार्टी में शामिल कराना इसी रणनीति का हिस्सा है. कन्हैया के कांग्रेस में आने के बाद से राष्ट्रीय जनता दल बहुत ज्यादा हकलान महसूस कर रही है. ’’उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ऐसा नहीं है कि राजद ने कांग्रेस की उपेक्षा की है बल्कि राजद ने यह सुनिश्चित किया है कि तेजस्वी यादव किसी भी स्थिति में कन्हैया के साथ मंच साझा ना कर पाए. ’’तेजस्वी यादव और कन्हैया के बीच कथित प्रतिद्वंद्विता बिहार के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय रही हैं.
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