West Bengal: किशोरी से बलात्कार के बाद उसकी हत्या के विरोध में हिंसक प्रदर्शन, मुख्य आरोपी गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में 17 साल की एक किशोरी के साथ कथित रूप से बलात्कार के बाद उसकी हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने शनिवार को 20 साल के एक युवक को गिरफ्तार किया है।
रायगंज/कालियागंज (पश्चिम बंगाल), 22 अप्रैल: पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में 17 साल की एक किशोरी के साथ कथित रूप से बलात्कार के बाद उसकी हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने शनिवार को 20 साल के एक युवक को गिरफ्तार किया है. यह भी पढ़ें: UP Shocker: देवरिया में भाई को बचाने पहुंची थी बहन, लोहे की छड़ से पीटकर कर दी गई हत्या, आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि इस घटना के विरोध में स्थानीय लोगों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था, जिस कारण पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. पुलिस अधीक्षक मोहम्मद सना अख्तर ने बताया कि 17 साल की इस किशोरी का शव शुक्रवार को कालियागंज थाना क्षेत्र में एक नहर से मिला था. उन्होंने बताया कि किशोरी मुख्य आरोपी को जानती थी.
अख्तर ने बताया कि किशोरी की मां से मिली शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. अख्तर ने कहा कि प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि शव के पास से जहर की शीशी मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम घटना की प्रत्येक पहलू से जांच कर रहे हैं.’’
अधिकारियों ने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा से करीब 18 किलोमीटर दूर और कोलकाता से 320 किलोमीटर उत्तर में स्थित कालियागंज में स्थानीय लोगों ने घटना के विरोध में प्रदर्शन किया.
उन्होंने बताया कि प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठी चलानी पड़ी.
स्थिति नियंत्रित किए जाने से पहले दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रही भीड़ ने कई दुकानों और ई-रिक्शा को आग के हवाले कर दिया. अधिकारियों के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने सड़कों पर टायर जलाकर यातायात अवरुद्ध कर दिया और पुलिस कर्मियों पर पथराव किया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (अरएसएस) समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कालियागंज थाने का घेराव किया, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए.
अधिकारियों के अनुसार, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रैपिड ऐक्शन फोर्स (आरएएफ) को बुलाया गया. उन्होंने बताया कि हिंसा में शामिल कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस कार्रवाई में तीन लोग घायल हो गए और उन्हें रायगंज सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
स्थानीय भाजपा सांसद देबाश्री चौधरी के साथ पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे मजूमदार ने घटना की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें लगता है कि मामले की जांच सीबीआई से कराने पर ही सच्चाई सामने आएगी.’’
वहीं, राज्य की महिला एवं बाल विकास और सामाजिक कल्याण मंत्री डॉ. शशि पंजा ने भाजपा नेतृत्व और खासतौर पर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर अपने ट्वीट में नाबालिग लड़की की पहचान जाहिर करने को लेकर निशाना साधा.
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जनता को भ्रमित कर उन्हें उकसाना चाहते हैं.
पंजा ने कहा, ‘‘भाजपा गंदी राजनीति करना चाहती है. विपक्ष के नेता ने अपने ट्वीट के जरिये पीड़ित लड़की की पहचान जाहिर कर दी है, जो अपने आप में अपराध है. वह ऐसा कैसे कर सकते हें? वह शव की राजनीति कर रहे हैं.’’
मंत्री ने आगे कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि लड़की के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या की गई थी या फिर उसने जहर खाकर आत्महत्या की है. पंजा ने कहा, ‘‘फिलहाल पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास कर रही है. हमें परिवार की मानसिक स्थिति के बारे में सोचना चाहिए. दोषियों को पक्का सजा मिलेगी.’’
इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम भी मौके पर पहुंची और घटना के संबंध में राज्य पुलिस से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की.
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