विदेश की खबरें | बांग्लादेश की अदालत ने चिन्मय कृष्ण दास को जमानत देने से किया इनकार
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

ढाका, दो जनवरी बांग्लादेश की एक अदालत ने हिंदू संत और इस्कॉन से जुड़े रहे चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया।

चिन्मय कृष्ण दास को सुनवाई के लिए अदालत नहीं लाया गया और वह ऑनलाइन माध्यम से अदालत की कार्यवाही में शामिल हुए।

इस्कॉन के सदस्य रह चुके दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था।

एक समाचार बेवसाइट ने चटगांव जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नाज़िमउद्दीन चौधरी के हवाले से अपनी खबर में कहा,‘‘ सुनवाई के दौरान शासन ने जमानत पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह देशद्रोह का मामला है और इसकी सज़ा आजीवन कारावास है।’’

‘मेट्रोपॉलिटन पब्लिक प्रॉसिक्यूटर’ एडवोकेट मोफिजुल हक भुइयां ने ‘द डेली स्टार’ को बताया,‘‘ चटगांव मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश सैफुल इस्लाम ने लगभग 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी।’’

दास के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने कहा कि वे जमानत के लिए उच्च न्यायालय में अपील करने की योजना बना रहे हैं।

बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत संगठन के प्रवक्ता दास की जमानत याचिका 26 नवंबर को चटगांव के छठवें मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम ने खारिज कर दी थी और उन्हें जेल भेज दिया गया था।

इस निर्णय से हिंदू समुदाय के लोग नाराज हो गए और उन्होंने अदालत के बाहर जेल वैन के चारों ओर विरोध प्रदर्शन किया जिसके परिणामस्वरूप हिंसक झड़पें हुईं और इस दौरान वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत हो गई थी।

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