बेंगलुरु, 10 अप्रैल पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देव गौड़ा ने शुक्रवार को दावा किया कि बंद का फैसला बिना किसी विस्तृत सोच विचार के ‘जल्दबाजी’ में लिया गया जिससे किसानों और श्रमिक वर्ग को ‘परेशानी’ हो रही है।
उन्होंने इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ सलाह भी दिए हैं।
उन्होंने बी एस येदियुरप्पा को लिखे एक पत्र में कहा कि राज्य सरकार को अनुभवी नागरिकों, अधिकारियों, प्रगतिशाली किसानों, किसान संगठनों और थोक कारोबारियों से इसके नफा-नुकसान के बारे में चर्चा करनी चाहिये थी। उन्होंने पत्र में यह रेखांकित किया कि राज्य की 61 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है।
उन्होंने नौ अप्रैल को लिखे एक पत्र में कहा कि बिना किसी तैयार के जल्दबाजी में फैसला लिया गया जिससे देश और राज्य के किसान वित्तीय संकटों का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को मीडिया में भी इसकी एक प्रति जारी की है।
जद(एस) के नेता ने कृषि गतिविधियों, उचित मूल्य पर बागवानी के उत्पादों की खरीद, इस पर लगे निर्यात में छूट देकर किसानों, खेतिहर श्रमिकों और श्रमिकों को राहत देने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अगर ये कदम नहीं उठाए जाते हैं तो किसानों को क्षति का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
रविवार को गौड़ा ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरी तरह से सहयोग का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री ने स्थिति के संबंध में चर्चा के लिए उनसे बात की थी।
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