देश की खबरें | बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : सोशल मीडिया पोस्ट से बिश्नोई गिरोह से संबंध के संकेत मिले

मुंबई, 13 अक्टूबर मुंबई पुलिस लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक कथित सदस्य द्वारा किए गए सोशल मीडिया पोस्ट की सच्चाई की जांच कर रही है जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली गई है।

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा सुपारी हत्या, कारोबारी और राजनीतिक रंजिश या झोपड़पट्टी पुनर्विकास परियोजना को लेकर धमकी सहित विभिन्न कोण से जांच कर रही है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता सिद्दीकी (66)की शनिवार रात को बांद्रा इलाके में कथित तौर पर तीन हमलावरों ने गोली मार दी थी। अस्पताल ले जाये जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने मामले में अबतक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से दो पिस्तौल और 28 कारतूस बरामद किए हैं।

पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) दत्ता नलवाडे ने बताया, ‘‘पुलिस ने 15 टीम गठित की हैं, जिन्हें महाराष्ट्र से भेजा गया है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि शूटरों को किसने सहायता प्रदान की। आरोपियों के पास से दो पिस्तौल और 28 कारतूस बरामद किए गए हैं।’’

उपमुख्यमंत्री और राज्य का गृह विभाग संभाल रहे देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस को सिद्दीकी की हत्या के संबंध में कुछ सुराग मिले हैं और विभिन्न कोणों से जांच की जा रही है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विधानसभा में तीन बार बांद्रा (पश्चिम) सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत किये जाने का संदेह है।

पुलिस को सोशल मीडिया पर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक कथित सदस्य के नाम से वायरल एक पोस्ट मिली है जिसमें बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली गई है।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट देखी है, हम इसकी प्रामाणिकता की जांच कर रहे हैं।’

इस साल अप्रैल में मुंबई में बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के आवास के बाहर गोलीबारी के सिलसिले में बिश्नोई गिरोह के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।

सिद्दीकी मुंबई के एक प्रमुख मुस्लिम नेता थे और उन्हें सलमान खान, शाहरुख खान और संजय दत्त सहित कई बॉलीवुड सितारों का करीबी माना जाता था।

पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (66) बॉलीवुड सितारों के बीच काफी लोकप्रिय थे और कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने पीड़ितों की विभिन्न प्रकार से सेवाएं करके काफी तारीफ बटोरी थी।

बाबा सिद्दीकी को मुंबई में बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके बेटे एवं विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर शनिवार रात को तीन लोगों ने गोली मार दी थी।

उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया था जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने दो कथित हमलावरों को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज राजेश कश्यप (19) के रूप में की गयी है जबकि एक अन्य आरोपी फरार है और उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पुलिस ने अदालत को बताया कि वे इस कोण से जांच करना चाहती है कि क्या यह हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का नतीजा थी, क्योंकि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं।

पुलिस ने यह भी दलील दी कि दोनों आरोपियों से 28 गोलियां बरामद की गई हैं और विस्तृत जानकारी प्राप्त करने तथा आगे कोई अपराध घटित होने से रोकने के लिए हिरासत में उनसे पूछताछ की जरूरत है।

पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के लिए दस टीम गठित की गई हैं। जांच में दो लोगों की तलाश है।

अदालत ने सिंह को 21 अक्टूबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया, जबकि कश्यप की उम्र पता लगाने के लिए अस्थि परीक्षण का आदेश दिया।

अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह दूसरे आरोपी को जांच के बाद फिर से पेश करे। इसके बाद अदालत तय करेगी कि उसके खिलाफ कार्यवाही किशोर न्यायालय में होगी या सामान्य न्यायालय में।

पुलिस के मुताबिक गोलीबारी की घटना से पहले दोनों आरोपी कुछ दिनों तक मुंबई और पुणे में रुके थे। उसने कहा कि इस जानकारी के बाद यह पता लगाने की जरूरत पैदा हो गई है कि उनका वित्तपोषण कौन कर रहा था।

इस बीच, नलवाडे ने कहा कि जब सिद्दीकी को गोली मारी गई तब एक पुलिस कांस्टेबल उनकी सुरक्षा में तैनात था। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिद्दीकी को सुरक्षा प्रदान की गई थी और उनकी सुरक्षा के लिए तीन पुलिस कांस्टेबल की सेवा दी गई थी।

नलवाडे ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ये कांस्टेबल तीन पालियों में ड्यूटी करते थे। घटना के समय (शनिवार रात) एक पुलिसकर्मी सिद्दीकी के साथ था।’’

पुलिस उपायुक्त ने जांच के बारे में कहा कि 15 टीम गठित की गई हैं जो महाराष्ट्र के बाहर काम कर रही हैं। हम स्थानीय पुलिस से भी मदद ले रहे हैं ताकि पता लगाया जा सके कि आरोपी शूटरों को किसने रणनीतिक सहायता प्रदान की।

अपराध शाखा यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हमलावर मुंबई पहुंचने के बाद कहां रुके थे और उनकी मदद किसने की थी।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)