मुंबई, 13 अक्टूबर मुंबई की एक अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में गिरफ्तार दो में से एक आरोपी को रविवार को 21 अक्टूबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
अदालत ने पुलिस को दूसरे आरोपी की उम्र पता लगाने के लिए उसका अस्थि परीक्षण कराने का निर्देश दिया क्योंकि उसने नाबालिग होने का दावा किया है।
पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह दूसरे आरोपी को जांच के बाद फिर से पेश करे। इसके बाद अदालत तय करेगी कि उसके खिलाफ कार्यवाही किशोर न्यायालय में होगी या सामान्य न्यायालय में।
पुलिस ने कथित हमलावरों को रविवार दोपहर के समय अदालत में पेश किया, जिनकी पहचान हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी एक अन्य व्यक्ति के रूप में हुई है।
कांग्रेस के पूर्व नेता सिद्दीकी (66) इस साल की शुरूआत में अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में शामिल हुए थे। मुंबई के बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके बेटे व विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन लोगों ने उन्हें गोली मार दी।
पुलिस ने बताया कि बाबा को लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने दोनों आरोपियों की 14 दिन की हिरासत मांगते हुए कहा था कि उन्हें यह जांच करने की जरूरत है कि क्या इस हत्याकांड का कोई अंतरराष्ट्रीय संबंध है।
अभियोजन पक्ष ने कहा, “मृतक कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि एक पूर्व मंत्री थे। सुरक्षा के बावजूद हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी। हमें अपराध के पीछे की मंशा और मकसद का पता लगाना है।”
सरकारी वकील गौतम गायकवाड़ ने अदालत को बताया कि पुलिस को इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या इस गोलीबारी के पीछे कोई राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी।
दोनों आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने दलील दी कि अपराध "बहुत दुखद और निराशाजनक" है, लेकिन आरोपियों की भूमिका साबित नहीं हुई है।
वकील ने दलील दी कि हो सकता है कि उनकी (सिद्दीकी) हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण की गई हो और दोनों आरोपियों को मामले में फंसाया गया हो।
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