कांग्रेस में 'आत्मनिरीक्षण' की बहस में मनमोहन सिंह को लाने की कोशिश निंदनीय: पार्टी नेता राजीव सातव
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों की बैठक में अपनी टिप्पणियों के लिए पार्टी नेताओं की आलोचनाओं का सामना कर रहे पार्टी नेता राजीव सातव ने शनिवार को कहा कि पार्टी में आत्मनिरीक्षण की बहस में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम खींचने की दुर्भावनापूर्ण कोशिशें निंदनीय हैं.
नई दिल्ली, 2 अगस्त: कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों की बैठक में अपनी टिप्पणियों के लिए पार्टी नेताओं की आलोचनाओं का सामना कर रहे पार्टी नेता राजीव सातव (Rajiv Satav) ने शनिवार को कहा कि पार्टी में आत्मनिरीक्षण की बहस में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम खींचने की दुर्भावनापूर्ण कोशिशें निंदनीय हैं. सातव ने पार्टी के राज्यसभा सदस्यों की बैठक में संप्रग सरकार के दौरान पार्टी के शासनकाल पर आत्मनिरीक्षण करने की बात कही थी जिसके बाद वह वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर आ गये.
इसके बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) से आने वाले राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उन्होंने कभी मनमोहन सिंह की नेतृत्व क्षमता पर सवाल नहीं उठाया. सातव ने ट्वीट किया, "इस चर्चा में डॉ मनमोहन सिंह का नाम खींचने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास निंदनीय है." उन्होंने अपनी टिप्पणियों का बचाव करते हुए कहा, "मेरी टिप्पणियों को संप्रग-2 के शासनकाल में में डॉ सिंह के नेतृत्व से जोड़कर देखना गलत है और तथ्यों को पूरी तरह से गलत रूप में पेश करना है. मैं डॉ सिंह को बहुत सम्मान देता हूं. वह आलोचनाओं से परे हैं."
कांग्रेस के गुजरात (Gujrat) मामलों के प्रभारी सातव ने कहा कि सिंह ने एक आधुनिक भारत के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया है और हमेशा उच्च सम्मान के अधिकारी रहेंगे. उन्होंने कहा, "मैं अपनी टिप्पणियों पर या अन्य सम्मानित सहयोगियों के बयानों पर पार्टी के आंतरिक मंचों पर ही बात करुंगा." सातव ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ राज्यसभा सदस्यों की बैठक को अत्यंत सकारात्मक बताया.
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