पुरी, 22 सितंबर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का तकनीकी सर्वेक्षण रविवार को पूरा कर लिया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढी ने बताया कि रत्न भंडार के अंदर कोई गुप्त कक्ष या सुरंग है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए तकनीकी सर्वेक्षण का दूसरा दौर तीन दिन (21 से 23 सितंबर) के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन यह दो दिन में ही पूरा हो गया।
उन्होंने कहा कि एसजेटीए ने रत्न भंडार के सर्वेक्षण के दौरान अपराह्न एक बजे से शाम छह बजे तक श्रद्धालुओं को भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से रोक दिया था। उन्होंने कहा कि हालांकि, चूंकि एएसआई ने पहले ही सर्वेक्षण पूरा कर लिया है, इसलिए सोमवार को श्रद्धालुओं के प्रवेश पर कोई पाबंदी नहीं होगी।
एसजेटीए के मुख्य प्रशासक ने कहा कि सर्वेक्षण के निष्कर्षों को एएसआई रिपोर्ट से जाना जा सकता है।
पाढी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि एएसआई जल्द ही सरकार के मूल्यांकन के लिए अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।’’ उन्होंने कहा कि एएसआई द्वारा संरक्षण कार्य पूरा होने के बाद रत्न भंडार के अंदर संग्रहित सभी कीमती वस्तुओं और आभूषणों की सूची बनाई जाएगी।
तकनीकी दल में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई), हैदराबाद के विशेषज्ञ भी शामिल थे।
रत्न भंडार सूची समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए मंदिर में प्रवेश किया। उन्होंने कहा, ‘‘एएसआई से रिपोर्ट मिलने के बाद, हम भविष्य का कदम तय करेंगे।’’
एनजीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक आनंद कुमार पांडे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से, सर्वेक्षण दो दिनों में पूरा हो गया। हमने सभी मानचित्रण किए और विशाल डेटा तैयार किया। हम वापस जाने के बाद डेटा को संसाधित करेंगे और रिपोर्ट तैयार करेंगे। रिपोर्ट तैयार करने से पहले डेटा का सात चरणों में विश्लेषण किया जाएगा।’’
सर्वेक्षण का पहला दौर 18 सितंबर को हुआ था, जब एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक जे. शर्मा के नेतृत्व में 17 सदस्यीय तकनीकी टीम ने पाढी और न्यायमूर्ति रथ की उपस्थिति में रत्न भंडार का प्रारंभिक निरीक्षण और इसकी ‘लेजर स्कैनिंग’ की थी।
एसजेटीए ने 18 सितंबर को, एएसआई को पत्र लिखकर दशहरा और 'कार्तिक' महीने के दौरान भगवान जगन्नाथ के विशेष अनुष्ठानों के मद्देनजर 24 सितंबर तक तकनीकी सर्वेक्षण पूरा करने का अनुरोध किया था। मंदिर में दुर्गा पूजा के अनुष्ठान 24 सितंबर को शुरू होंगे।
एक अधिकारी ने कहा कि मंदिर प्रशासन ने रत्न भंडार के बाहरी और आंतरिक कक्षों से सभी कीमती सामान और आभूषणों को स्थानांतरित कर दिया है और उन्हें मंदिर परिसर के भीतर एक अस्थायी कक्ष में संग्रहित किया है। उन्होंने कहा कि सभी गतिविधियां राज्य सरकार की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार की जा रही हैं।
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