मुंबई, 26 जुलाई पुलिस ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि 13 मई को घाटकोपर में होर्डिंग गिरने की घटना के संबंध में विज्ञापन कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे की गिरफ्तारी में पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया।
इस घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी और 70 से अधिक लोग घायल हुए।
इस होर्डिंग को लगाने वाले ‘ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक भिंडे ने अनुरोध किया है कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द किया जाए और दावा किया कि यह घटना ‘‘ईश्वरीय कृत्य’’ थी।
उन्होंने याचिका पर सुनवाई होने तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का भी अनुरोध किया। भिंडे पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है।
भिंडे ने अपनी याचिका में यह भी दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध थी क्योंकि उन्हें पहले दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए के तहत अनिवार्य नोटिस जारी नहीं किया गया था।
मुंबई पुलिस ने अपने लिखित जवाब में अदालत से कहा कि भिंडे ‘‘बेबुनियाद’’ आधार का सहारा ले रहे हैं।
पुलिस ने अदालत को बताया कि पूरे मामले की कार्यवाही के रिकॉर्ड से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि गिरफ्तारी कानून की पूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद की गई थी और सीआरपीसी की धारा-41 का पर्याप्त अनुपालन किया गया था।
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